नई दिल्ली।चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तान को जमकर लताड़ा।पाकिस्तान का बिना नाम लिए पीएम मोदी ने चीन के सामने आतंकवाद पर खुलकर बात की।पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद दुनिया के लिए बड़ा खतरा है।पहलगाम की बात करते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ भारत की अंतरात्मा पर हमला नहीं था बल्कि यह मानवता के लिए चुनौती है।दोहरे मापदंड किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है। बता दें कि पीएम मोदी ने 9 बार आतंकवाद या टेरर शब्द का उपयोग किया।
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए साझा चुनौती है।भारत लंबे समय से आतंकवाद का दंश झेल रहा है,कितने ही बच्चे अनाथ हो गए हैं।पीएम ने कहा कि हाल ही में पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा गया,जो मित्र देश हमारे साथ थे मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं,प्रश्न उठना स्वाभाविक है।आतंकवाद पर हमें कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं होगा।हम आतंकवाद के हर रंग का विरोध करते हैं।
पीएम मोदी ने चीन को भी संदेश देते हुए कहा कि एससीओ में एस का मतलब सिक्योरिटी और ओ का मतलब ऑपर्चुनिटी है।पीएम मोदी ने एससीओ की नई परिभाषा बताकर साफ कर दिया है कि यह चीन के दबदबे वाला संगठन नहीं है बल्कि साथ मिलकर चुनौतियों का सामना करने के लिए बनाया गया संगठन है।
पीएम मोदी ने आतंकवाद को लेकर दोहरे मापदंड को लेकर एक साथ चीन और अमेरिका दोनों को सुना दिया।ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान का पर्दे के पीछे से साथ दिया था।वहीं टैरिफ को लेकर अमेरिका पाकिस्तान पर नरम नजर आ रहा है। ऐसे में पीएम मोदी ने एक ही तीर से दो निशाने लगा दिए हैं।
बता दें कि आतंकवाद को लेकर भारत का रुख हमेशा सख्त रहा है।एससीओ सम्मेलन से पहले भारत ने साफ संदेश दे दिया था कि अगर संयुक्त बयान में पहलगाम का जिक्र नहीं किया जाएगा तो भारत इसपर साइन नहीं करेगा।गौर करने वाली बात है कि पाकिस्तान भी एससीओ का स्थायी सदस्य है।ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की उपस्थिति में पीएम मोदी ने जिस तरह आतंकवाद पर आक्रामक तरीके से बात की है, वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर दुनिया को एक बड़ा संदेश है।