नई दिल्ली।दिवाली पर ग्रीन पटाखे जलाने की सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पलूशन की चपेट में आ गई है।दिल्ली में 40 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 38 के आंकड़े सामने आए।इनमें से 5 केंद्रों पर एक्यूआई का स्तर 300 से ऊपर यानी बेहद खराब श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया है।आनंद विहार सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा।इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई हैं।
आनंद विहार में सबसे ज्यादा पलूशन
आनंद विहार में सबसे ज्यादा एक्यूआई 345 अंक दर्ज किया गया है।इसके बाद डीयू नॉर्थ कैंपस में 307, सीआरआरआई मथुरा रोड में 307, द्वारका सेक्टर 8 में 314 और वजीरपुर में 325 अंक रिकॉर्ड किया गया।
परिवहन उत्सर्जन बड़ी वजह
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 20 केंद्रों पर AQI खराब श्रेणी में दर्ज किया है,जबकि 13 केंद्रों पर यह मध्यम श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया है।दिल्ली के साथ ही एनसीआर में पलूशन बढ़ने के पीछे परिवहन उत्सर्जन का बड़ा योगदान रहा।
कृत्रिम बारिश पर कितनी तैयारी
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मौसम विभाग की अनुमति मिलते ही राष्ट्रीय राजधानी के चयनित क्षेत्र में संभवतः दिवाली के एक दिन बाद कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है।दिल्ली सरकार क्लाउड सीडिंग के लिए सब कुछ तैयार है।सिरसा ने कहा कि मौसम विभाग अगले 2-3 दिनों में जब हरी झंडी देगा तो ब्लास्टिंग/स्प्रे के बाद क्लाउड सीडिंग का एक सैंपल लिया जाएगा।
मौसम विभाग की अनुमति का इंतजार
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि हम जल्द बादलों के छाने का इंतजार कर रहे हैं।दिवाली के अगले दिन या उसके अगले दिन जब भी मौसम विभाग हमें अनुमति देगा हम तीन घंटे के भीतर उड़ान की अनुमति प्राप्त कर लेंगे। हम कृत्रिम बारिश का काम पूरा कर देंगे। इसके लिए हमें सारे जरूरी उपकरण मिल चुके हैं।
ग्रीन पटाखों को मंजूरी
मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि 2 पायलटों को परीक्षण के तौर पर क्षेत्र से परिचित कराया गया है। मई महीने में दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने पलूशन कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में सामने आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उनके इस्तेमाल की अनुमति प्रदान की है।