अयोध्या की ऐतिहासिक चौदह कोसी परिक्रमा,रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली परिक्रमा में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब
अयोध्या की ऐतिहासिक चौदह कोसी परिक्रमा,रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली परिक्रमा में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

10 Nov 2024 |  55



ब्यूरो सुनील कुमार पांडेय 



 



अयोध्या।रामनगरी अयोध्या की चौदह कोसी परिक्रमा की शनिवार को शुरूआत हुई। कार्तिक शुक्ल पक्ष की अक्षय नवमी के दिन शाम 6:32 बजे से शुरू हुई यह परिक्रमा 10 नवंबर को शाम 4:45 बजे समाप्त होगी। इस पावन परिक्रमा का खास महत्व है,जिसमें श्रद्धालुओं को चौदह भुवनों के भ्रमण का पुण्य फल मिलता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस परिक्रमा से भक्तों को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस साल रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली परिक्रमा है इसलिए उत्साह कई गुना बढ़ गया है। 



अयोध्या को सप्त पुरियों में एक विशेष स्थान प्राप्त है और भगवान विष्णु का पर्व इसे विशिष्ट बनाता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति चौदह कोसी परिक्रमा में शामिल होता है उसे सभी 14 लोकों के भ्रमण का पुण्यफल मिलता है।रामनगरी की परिक्रमा मार्ग 45 किमी की है, जिसमें श्रद्धालु भगवान राम की जन्मस्थली से लेकर वैकुंठ वापसी के गुप्तहरि घाट तक के स्थानों का भ्रमण करते हैं।



रामायण काल से चली आ रही इस परंपरा का पौराणिक महत्व भी असीम है। रामचरितमानस में इस महत्ता का उल्लेख किया गया है। श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद अयोध्यावासियों ने रामराज्य का सुख पाया था और तभी से यह उत्सव कार्तिक मास में विशेष रूप से मनाया जाता है। यह पर्व जप, तप, ध्यान और योग की श्रृंखला का एक हिस्सा है, जो रामनगरी में रामनवमी के समय से शुरू होकर दशहरा, दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा स्नान तक चलता है।



इस साल भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद  यह पहली परिक्रमा है, जिससे भक्तों में एक विशेष भावना और उल्लास देखा जा रहा है। पिछले साल लगभग 25 लाख श्रद्धालुओं ने इस परिक्रमा में भाग लिया था और इस बार संख्या में और इजाफा होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर को भव्य बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।



हनुमान जी यहां के राजा माने जाते हैं, जो इस तीर्थ को और भी विशेष बनाते हैं।चौदह कोसी परिक्रमा भक्तों को वैकुंठ का अनुभव देने वाला पर्व है और इस धार्मिक यात्रा से आत्मा को परमात्मा से मिलन का मार्ग भी मिलता है। इस विशेष परिक्रमा में शामिल होने से पिछले जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।



14 कोसी परिक्रमा की निगरानी एटीएस कर रही है।पूरे पथ पर जगह-जगह पुलिस के साथ सुरक्षा बल की तैनाती की गई है।सीआरपीएफ,पीएसी के अलावा मजिस्ट्रेट तैनात है।सीसीटीवी और ड्रोन का जाल बिछा दिया गया है।



नयाघाट से कारसेवकपुरम, रामसेवकपुरम, कांशीराम कॉलोनी, हलकारा पुरवा, शहनवां, मौनी बाबा आश्रम, सूर्यकुंड दर्शनगर, आचारी का सगरा, वैतरणी, गिरजाकुंड जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, खोजनपुर, मोदहा, सहादतगंज हनुमानगढ़ी, कैंट, गुप्तारघाट, निर्मलीकुंड, अफीमकोठी, राजघाट, चक्रतीर्थ, ऋणमोचन घाट व झुनकीघाट, नयाघाट ये परिक्रमा के रास्ते हैं।



कंट्रोल रूम, हनुमानगुफा, मौनी बाबा, हलकारा का पुरवा, दर्शननगर, आचारी का सगरा, मिर्जापुर, जनौरा, सहादतगंज हनुमानगी, गुप्तारघाट, जमबरा, अफीमकोटी, अमानीगंज, चक्रतीर्थ, ऋण मोचन घाट व झुनकीघाट यहां श्रध्दालुओं को उपचार मिलेगा।



14 कोसी परिक्रमा मार्ग के पक्काघाट, बंधा तिराहा, कंट्रोल रूम, साकेत पेट्रोल पंप, नागेश्वरनाथ, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, श्रीराम जन्मभूमि, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन व बूथ नंबर चार यहां एंबुलेंस मौजूद है।


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