
ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर और अपने समधी डॉ. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।मायावती ने ये कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते किया है।
मायावती ने दो नेताओं को पार्टी से निकाला
बसपा मुखिया मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि डॉ. अशोक सिद्धार्थ को बसपा से निकाल दिया गया है।बीएसपी की ओर से ख़ासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डॉ. अशोक सिद्धार्थ,पूर्व सांसद और नितिन सिंह ज़िला मेरठ को चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
मायावती ने दोनों नेताओं को दी थी चेतावनी
बसपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मायावती ने बुधवार को कार्रवाई करने से पहले दोनों नेताओं को चेतावनी दी थी। अशोक सिद्धार्थ मायावती के भतीजे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी आकाश आनंद के ससुर हैं।पूर्व राज्यसभा सांसद सिद्धार्थ कई दक्षिणी राज्यों में पार्टी के प्रभारी रह चुके हैं। मेरठ से ताल्लुक रखने वाले नितिन सिंह को हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आकाश के साथ तैनात किया गया था।
सरकारी नौकरी छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे अशोक सिद्धार्थ
बता दें कि डाॅक्टर अशोक सिद्धार्थ राजनीति में आने से पहले सरकारी नौकरी कर रहे थे। सरकारी नौकरी छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे।मायावती ने अशोक सिद्धार्थ को पहले एमएलसी बनाया।इसके बाद साल 2016 में अशोक सिद्धार्थ को राज्यसभा सांसद बनाया। अशोक सिद्धार्थ का कार्यकाल साल 2022 में खत्म हुआ।अशोक सिद्धार्थ की पत्नी यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।मायावती का अशोक सिद्धार्थ के परिवार से काफी करीबी रही है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से बसपा के सितारे गर्दिश में हैं।बसपा का हर चुनाव में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।बसपा को कई राज्यों में बुरी हार का हार का सामना करना पड़ा है। ताजा उदाहरण हाल ही में दिल्ली में संपन्न हुआ विधानसभा चुनाव है।दिल्ली में बसपा ने कई सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन एक भी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली।लगभग सभी सीटों पर बसपा प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है।
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