ब्राह्मण विधायकों की मीटिंग कराने वाले भाजपा विधायक पीएन पाठक ने प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी को दिया तगड़ा जवाब,जानें क्या कहा
ब्राह्मण विधायकों की मीटिंग कराने वाले भाजपा विधायक पीएन पाठक ने प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी को दिया तगड़ा जवाब,जानें क्या कहा

31 Dec 2025 |   27



ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी 

लखनऊ।उत्तर प्रदेश की राजनीति में आजकल जातीय समीकरणों और संगठनात्मक अनुशासन को लेकर एक नई बहस छिड़ी हुई है।तीन बड़ी खबरों ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हलचल मचा दी है।ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी की झाड़ के बाद भाजपा विधायक पीएन पाठक की वह एक्स पोस्ट जिसे सीधे तौर पर पंकज चौधरी को जवाब माना जा रहा है।क्या ब्राह्मणों को दी गई यह नसीहत दरअसल ठाकुर विधायकों और अन्य बिरादरियों के लिए भी एक बड़ा संकेत है।सात बार के सांसद और नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के इस सख्त तेवर के पीछे क्या दिल्ली का हाथ है।

पीएन पाठक की एक्स पोस्ट-ब्राह्मण समाज का मार्गदर्शक है, विभाजक नहीं

यूपी में ब्राह्मण विधायकों की बैठक विधायक पीएन पाठक(पंचानन पाठक)के अगुवाई में हुई थी।बैठक के चार दिन बाद विधायक पीएन पाठक ने खामोशी तोड़ी है।पीएन पाठक ने एक्स पर एक पोस्ट किया जो अब चर्चा का विषय बनी हुई है।पीएन पाठक ने लिखा कि ब्राह्मण समाज का मार्गदर्शक,विचारक और संतुलनकर्ता है।ब्राह्मण एकत्र होते हैं,वहां चिंतन का मंथन होता है, विभाजन नहीं।

सियासी पंडितों का यह है मानना 

सियासी पंडितों का मानना है कि यह एक्स पोस्ट सीधे तौर पर प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के उस बयान का जवाब है, जिसमें उन्होंने ऐसी बैठकों को अनुशासनहीनता और जातिवादी राजनीति करार दिया था।पीएन पाठक ने अपने शब्दों से यह स्पष्ट कर दिया कि यह बैठक किसी गुटबाजी के लिए नहीं,बल्कि हिंदू अस्मिता को सशक्त करने के लिए थी।

ठाकुर विधायकों के लिए अलर्ट,2024 की गलती सुधारने की कोशिश

इस बात की भी गहराई से विश्लेषण किया गया कि यह नसीहत सिर्फ ब्राह्मणों तक सीमित नहीं है।निशाना उन ठाकुर विधायकों पर भी है जो अक्सर अपनी कुटुंब बैठकें करते हैं। याद रहे कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले ठाकुर समाज की पंचायतों ने पश्चिमी यूपी में भाजपा का समीकरण बिगाड़ दिया था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी का सख्त रुख एक संदेश है कि अब पार्टी के भीतर किसी भी जाति विशेष की समानांतर सत्ता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।ठाकुरवाद के आरोपों से घिरी सरकार और संगठन अब अपनी छवि सर्वसमावेशी बनाने की कवायद में है ताकि विपक्षी दलों को जाति के आधार पर घेरने का मौका न मिले।

पंकज चौधरी का बढ़ता इकबाल,क्या यह दिल्ली का है सीधा संदेश

पंकज चौधरी सात बार के सांसद हैं और अनुभव के मामले में कई दिग्गजों से सीनियर हैं,जिस तरह से पंकज चौधरी ने दो बार सार्वजनिक रूप से विधायकों को चेतावनी दी, उससे साफ है कि उन्हें शीर्ष नेतृत्व (पीएम मोदी और अमित शाह) का पूरा समर्थन हासिल है।यह बैठकें उस समय हुईं जब सभी जनप्रतिनिधियों को मतदाता पुनरीक्षण (एस‌आईआर) के काम में जुटने का निर्देश था।संगठन का मानना है कि ऐसे समय में जातीय डिनर डिप्लोमेसी करना अनुशासन के खिलाफ है। अब यह तय माना जा रहा है कि पंकज चौधरी के नेतृत्व में संगठन पूरी तरह से डिसीसिव मोड में रहेगा और किसी भी दबाव की राजनीति को जगह नहीं मिलेगी।

More news