ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ।उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बीच ब्राह्मण विधायकों की बड़ी मीटिंग हुई।ये मीटिंग मंगलवार शाम कुशीनगर के भारतीय जनता पार्टी से विधायक पीएन पाठक (पंचानंद पाठक) के लखनऊ आवास पर हुई।मीटिंग में बड़ी संख्या में विधायक और एमएलसी शामिल हुए।इस मीटिंग को सहभोज नाम दिया गया।इस मीटिंग को करने में मीरजापुर से विधायक रत्नाकर मिश्रा और एमएलसी उमेश द्विवेदी की मुख्य भूमिका रही।
40 विधायकों ने की मीटिंग
सूत्रों का कहना है कि चर्चा का विषय जाति की राजनीति में ब्राह्मणों की आवाज दबती जा रही है।इस मीटिंग में लगभग 40 विधायक शामिल हुए।मीटिंग में पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विधायक शामिल हुए।इससे पहले क्षत्रिय विधायकों ने भी मीटिंग की थी।इस मीटिंग को कुटुंब नाम दिया गया था।
जाति की राजनीति में अलग-थलग किए जाने की चिंता
सूत्रों के मुताबिक यह मीटिंग इस चिंता के बीच बुलाई गई थी कि जाति आधारित राजनीति में ब्राह्मण समुदाय की आवाज़ को धीरे-धीरे किनारे किया जा रहा है।ऐसा महसूस किया गया कि ब्राह्मण मुद्दों पर ठीक से ध्यान नहीं दिया जा रहा है,जिसकी वजह से ब्राह्मण पीछे रह गए।
मीटिंग में मौजूद ये बड़े नेता
मीटिंग में प्रेम नारायण पांडे,रत्नाकर मिश्रा,श्रीप्रकाश द्विवेदी, विनय द्विवेदी,एमएलसी साकेत मिश्रा,शलभ मणि त्रिपाठी, विवेकानंद पांडे,ऋषि त्रिपाठी, रमेश मिश्रा,अंकुर राज तिवारी, राकेश गोस्वामी और कैलाश नाथ शुक्ला के साथ कई दूसरे विधायक भी शामिल थे। कुल मिलाकर 40 विधायक के मौजूद होने की खबर है।
दूसरी जाति के विधायक भी कर चुके हैं ऐसी मीटिंग
इस मीटिंग से पहले ठाकुर,कुर्मी और लोध कम्युनिटी के विधायकों ने भी उत्तर प्रदेश में ऐसी ही मीटिंग की थी। ब्राह्मण विधायकों के एक साथ आने से न सिर्फ राजधानी लखनऊ में बल्कि दिल्ली के पॉलिटिकल सर्कल्स में भी ध्यान खींचा है। कैबिनेट के संभावित विस्तार को देखते हुए इस मीटिंग को अटकलें लगने शुरू हो गई हैं।