नई दिल्ली।नन्हा पौधा जैसी कालजयी रचना के कवि,देश के जाने-माने छायावादी लेखक,प्रकृति के सुकुमार महाकवि सुमित्रानंदन पंत की 125वीं जयंती के अवसर पर उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान द्वारा सुमित्रानंदन पंत के व्यक्तित्व और कृतित्व पर 20 मई को एक कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी में उत्तराखंड सदन में हुआ।इस कार्यक्रम में उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान के 10 वर्ष पूरे होने पर एक उत्तराखंड की विरासत को दर्शाने के लिए एक स्मारिका औन्जवाल का विमोचन भी किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध पत्रकार, साहित्यकार और उत्तराखंड सरकार के मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ.गोविंद सिंह शामिल थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता रमेश चंद्र घिल्डियाल ने की और विशिष्ट अतिथि के रूप में ऋषि शर्मा को आमंत्रित किया गया।इस अवसर पर सुप्रसिद्ध लेखक साहित्यकार डॉक्टर हरिसुमन बिष्ट,रमेश पतं भी उपस्थित थे।
उत्तराखंड की भाषा बोलिए संस्कृति के विकास के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन गढ़वाली फिल्मों की अभिनेत्री उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान की निदेशक संयोगिता ध्यानी ने किया।इस अवसर पर कार्यक्रम में पत्रकार,चिंतक और मीडियाकर्मी डॉक्टर हरीश लखेरा को प्रशस्ति पत्र,अंग वस्त्र और धनराशि देकर उनकी पत्रकारिता के क्षेत्र में उपलब्धियों पर उन्हें पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में महाकवि सुमित्रानंदन की कविताओं पर उनके जीवन पर सभी वक्ताओं ने प्रकाश डाला।इस अवसर पर उत्तराखंड के कलाकार साहित्यकार,पत्रकार,अभिनेता और अभिनेत्रियां उपस्थित थीं। साथ ही उत्तराखंड की पहली फिल्म जग्वाल की नायिका कुसुम लता बिष्ट और नई फिल्म द्वी होला जब साथ की अभिनेत्री रिया शर्मा के साथ-साथ डॉक्टर. सतीश कालेश्वरी,दर्शन सिंह रावत,अभिनेत्री राखी बिष्ट, बीएल शास्त्री और गौरी रावत भी उपस्थित थे।कार्यक्रम का आरंभ और समापन डॉक्टर कृपाल सिंह रावत की संगीतमय प्रस्तुति से किया गया।कार्यक्रम का सफल संचालन लेखक, साहित्यकार और कवि नीरज बावड़ी ने किया।