लखनऊ।उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने जनवरी में प्रयागराज महाकुंभ के दौरान हुई मौत की संख्या पर 37 बनाम 82 का सवाल उठाया है। अखिलेश ने एक समाचार रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार से सवाल पूछा है कि कुछ मृतकों के परिजनों को नकद में मुआवजा क्यों दिया गया।भगदड़ के बाद सीएम योगी ने 30 श्रद्धालुओं की मौत की बात बताई थी।अखिलेश ने तथ्य बनाम सत्य, 37 बनाम 82 नाम से एक लंबी पोस्ट एक्स पर लिखी है जिसका आधार ताजा समाचार रिपोर्ट है।
अखिलेश यादव ने एक्स पोस्ट में आरोप लगाया है कि सवाल सिर्फ आंकड़े छिपाने का नहीं है,सदन के पटल पर असत्य बोलने का भी है।अखिलेश ने पूछा है कि मुआवजे में कैश क्यों दिया गया,कैश कहां से आया,जिनको कैश नहीं मिला वो वापस किसके पास गया,नकद मुआवजा देने का निर्णय किस नियम के तहत हुआ,नकदी का वितरण किसके आदेश पर हुआ,नकदी वितरण का आदेश कहां है और क्या नकदी वितरण में कोई अनियमितता हुई है।अखिलेश ने यह सवाल भी उठाया है कि मौत का कारण बदलने का दबाव किसके कहने पर बनाया गया।
अखिलेश यादव ने कहा है कि ये रिपोर्ट अंत नहीं,महाकुंभ में हुई मृत्युओं और उनसे जुड़े पैसों के महासत्य की खोज का आरंभ है।सत्य जब उजागर होता है तो झूठ की परत-दर-परत खुलती है,जो स्वांग के हर चोगे और मुखौटे को उतारती जाती है,परदे उठाती जाती है,झूठ का कोई भी सूचना-प्रबंधन ऐसे सत्य को बाहर आने से नहीं रोक सकता।
बीबीसी हिन्दी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसने 82 ऐसे परिवारों से संपर्क किया है जिनके परिजनों की महाकुंभ भगदड़ में मौत हुई थी।सरकार ने जिन 37 लोगों की मौत कबूली है,उनके परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा मिला है।बीबीसी हिन्दी का दावा है कि उसके पत्रकारों को इन 37 परिवारों के अलावा 45 दूसरे परिवार भी मिले हैं, जिनके घर से मौत हुई है।
बीबीसी हिन्दी की खबर में दावा किया गया है कि इन 45 में 26 मृतकों के परिजनों को नकद में 5-5 लाख रुपये के पैकेट दिए गए और उनसे तबीयत बिगड़ने से मौत के कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए गए।बीबीसी हिन्दी ने दावा किया है कि उसे 19 परिवार ऐसे भी मिले हैं, जिनके परिजनों की मौत हुई लेकिन उन्हें ना तो मृतक सूची में जगह मिली और ना ही कोई मुआवजा मिला।