गाजियाबाद।उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और नोएडा के साढ़े पांच लाख से ज्यादा पुराने वाहनों को नवंबर महीने से डीजल-पेट्रोल नहीं मिलेगा।इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दोनों जिलों के पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर सिस्टम लगाया जा रहा है।एएनपीआर सिस्टम से आयु सीमा पूरी कर चुके वाहनों की पहचान की जाएगी।
पेट्रोल के 15 साल और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की कड़ी नजर है।एनसीआर में अपनी आयु सीमा पूरी कर चुके वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।इन वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए एनजीटी के निर्देश पर पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) सिस्टम लगने शुरू हो गए हैं।पहले इस योजना को जून तक पूरा करने को कहा गया था,लेकिन फिलहाल शासन स्तर से बजट मिलने में देरी से अब एएनपीआर सिस्टम को अक्तूबर महीने तक तैयार करने को कहा गया है।एनसीआर के आठ जिलों में सबसे पहले गाजियाबाद और नोएडा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तैयार करने की मंजूरी मिली है।
इसके तहत गाजियाबाद के 111 और नोएडा के 101 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरे लगेंगे। कुल 212 पंपों पर 10 और 15 साल की उम्र पूरी कर चुके वाहनों की नंबर प्लेट को कैमरे रीड करेंगे और पंप पर लगे अनाउंसमेंट सिस्टम से वाहन का नंबर बोला जाएगा।इस सिस्टम से बताया जाएगा कि यह वाहन अपनी मियाद पूरी कर चुका है।
गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिले में कुल 5,70,993 पुराने वाहन हैं।आंकड़ों पर गौर किया जाए तो अकेले गाजियाबाद में 3,64,588 पुराने वाहन अवैध रूप से चल रहे हैं।यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के पास वाहनों को जब्त करके रखने का कोई स्थान नहीं है।