प्रतापगढ़ के कुंडा विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भइया पर रानी भानवी सिंह ने हथियारों को लेकर कुछ आरोप लगाएं हैं,जो मीडिया में सार्वजनिक हैं पर इसके अतिरिक्त कुछ समझने का प्रयास करना आवश्यक है। राजा भइया और उनके साथ जो सहकर्मी हैं उन सभी के पास लाइसेंस प्राप्त वैधानिक शस्त्र हैं,जिसकी जानकारी सरकार के पास पहले से ही है।रही बात अवैध शस्त्रों की तो इस प्रकार के षड्यंत्कारी आरोप मायावती सरकार में भी लगे थे,जिसमें राजा भइया को न्यायालय ट्रायल से गुजरना पड़ा और न्यायालय ने राजा भइया को दोष मुक्त पाते हुए बाइज्जत बरी भी किया और उस समय रानी भानवी सिंह स्वयं राजा भइया की पैरवी कर रही थी,उनके साथ खड़ी थीं,तो रानी भानवी सिंह का यह कहना की राजा भइया के पास अवैध हथियार हैं,इसमें कोई दम नहीं लगता यदि थे तो रानी भानवी सिंह ने इसकी शिकायत पहले क्यों नहीं की ।
राजा भइया पर रानी भानवी सिंह ने अनेक प्रकार के आरोप लगाए, जिनमें कोई सत्यता नहीं पाई गई,लेकिन फिर भी राजा भइया ने रानी भानवी सिंह पर आज तक कोई आरोप सार्वजनिक रूप से नहीं लगाया। कहीं राजनीतिक विरोधी पारिवारिक परिस्थितियों का लाभ उठाकर राजा भइया की छवि को धूमिल करने का प्रयास तो नहीं कर रहे,क्यूंकि ऐसा पूर्व में भी देखा गया है जब राजा भइया ने राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह का साथ दिया था तब भी राजा भइया को षड्यंत्र रुपी आरोपों का सामना करना पड़ा था और अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का समर्थन करना कहीं पुनः राजा भइया को षड्यंत्र में फ़साने का प्रयास तो नहीं।
मीडिया और लोकल चैनलों को गंभीर होना चाहिए क्योंकि अति उत्सुकता में भ्रामक समाचार चलाने में आउटलुक जैसी मैगजीन को २७ वर्ष बाद क्षमा मांगनी पड़ी है।किसी की भी छवि खराब न हो यह ध्यान रखना चाहिए।