धर्म शक्ति और सुरक्षा हेतु नवंबर से लेकर जनवरी तक धार्मिक अनुष्ठान अत्यंत आवश्यक:दिव्य अग्रवाल
धर्म शक्ति और सुरक्षा हेतु नवंबर से लेकर जनवरी तक धार्मिक अनुष्ठान अत्यंत आवश्यक:दिव्य अग्रवाल

19 Nov 2025 |   27



 

मजहबी कट्टरपंथियों ने लगभग वर्ष 1528 से 1529 के बीच दिसंबर माह के आसपास श्री राम मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई थी।विवादित ढांचे को गिराने से लेकर रामलला सरकार को पुनः मंदिर में विराजित करने का समय काल नवंबर माह से लेकर जनवरी माह के बीच में ही रहा।

अयोध्या धाम और धर्म शक्ति की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है कि नवम्बर से लेकर जनवरी तक धार्मिक अनुष्ठान सभी धर्म प्रेमियों को ज्यादा से ज्यादा करने चाहिए,क्योंकि धर्म को और धर्म प्रहरियों को शक्ति और विधर्मियों के षडयंत्रो का विनाश उन्ही अनुष्ठानों की कृपा से होता है,जिस प्रकार दिल्ली बम धमाके के जिहादी तंत्र का पर्दाफाश हुआ है। 

निश्चित ही वह देव कृपा और भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसियों की सजगता के कारण सम्भव हुआ है।अनेकों बार देखा गया है की जिहादी आतंकवादी इसी समय काल में अमानवीय कृत्य,मजहबी जिहाद कर मानवता की हत्या करने का प्रयास करते हैं।

संबत सर वसु बान नभ, ग्रीष्म ऋतु अनुमानि।
तुलसी अवधहिं जड़ जवन, अनरथ किय अनखानि

बाबर के अत्याचार के वर्ष के बारे में तुलसी बाबा ने इस दोहे में समझाया है।इसमें लिखे गए काल गणना के अंकों को आप दाएं से बाईं ओर पढ़ सकते हैं। सर (शर) = 5, वसु = 8, बान (बाण) = 5, नभ = 1 अर्थात विक्रम संवत 1585 और इसमें से 57 वर्ष घटा देने पर अंग्रेजी वर्ष 1528 आता है। 

तुलसी बाबा लिखते कि विक्रम संवत 1585 (वर्ष 1528) की गर्मी के दिनों में जड़ यवनों ने अवध में वर्णन न किए जाने योग्य अनर्थ किया। यानी हिंदुओं पर मुगलों की बर्बरता का वर्ष सीधे तौर पर तुलसी बाबा यहां बताते हैं।

राम जनम महि मंदरहिं, तोरि मसीत बनाय
जवहिं बहुत हिन्दू हते, तुलसी कीन्ही हाय

इसमें तुलसी बाबा लिखते हैं कि राम जन्मभूमि का मंदिर नष्ट करके मुगलों ने एक मस्जिद बनाई। बड़ी ही बेरहमी से इस दौरान हिंदुओं की हत्या की गई। यह सुनकर- देखकर तुलसी के मुख से हाय निकल रहा था।

बाबर बर्बर आइके, कर लीन्हे करवाल
हने पचारि पचारि जन, जन तुलसी काल कराल

हाथ में तलवार लिए बर्बर बाबर आया। लोगों को ललकार- ललकार कर हत्या की। लोग काल के गाल में समा गए। यह समय अत्यंत भीषण था।

मजहबियों के वीभत्स नरसंहार,गैर इस्लामिक समाज के प्रति किसी न किसी प्रकार से क्रियान्वित रहते हैं, इसलिए अत्यंत आवश्यक है की प्रभु की प्रार्थना के साथ-साथ सजग रहकर पुरुषार्थ भी किया जाए एवं इस समय काल में सुंदरकांड अधिकाधिक करना और करवाना चाहिए, क्योंकि हनुमान जी महाराज की स्तुति करने से उनको अपने बल का स्मरण होता है और जब हनुमान जी का बल जाग्रत होगा तो धर्म प्रहरियों और राष्ट्र सेवकों को भी शक्ति प्राप्त होती है।

दिव्य अग्रवाल लेखक व विचारक

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