शामली।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम भीषण धमाका हुआ।धमाके में झिंझाना कस्बे के एक परिवार की खुशियां हमेशा के लिए छिन गई। 18 वर्षीय नोमान की मौके पर ही मौत हो गई और तहेरा भाई कैराना निवासी अमन गंभीर रूप से घायल है। दोनों कॉस्मेटिक का सामान खरीदने दिल्ली गए थे।
कहते हैं कि कभी-कभी चंद पल का फैसला जिंदगी और मौत के बीच की दूरी तय कर देता है।कुछ ऐसा ही हुआ नोमान के साथ भी।झिंझाना के मोहल्ला कोटला निवासी नोमान अपने पिता इमरान के कहने पर सोमवार सुबह कैराना निवासी ताऊ के बेटे अमन के साथ दिल्ली कॉस्मेटिक का सामान खरीदने गया था।दोनों को कार से दिल्ली तक झिंझाना के ही चालक विरासत लेकर गया। सुबह करीब साढ़े दस बजे उन्होंने आईएसबीटी के पास कार पार्किंग में खड़ी की और सदर बाजार में खरीदारी करने निकल गए।
चालक विरासत ने बताया कि शाम करीब छह बजे जब दोनों कार के पास लौटे, तो नोमान ने कहा कि चांदनी चौक से कुछ और सामान लेना बाकी है। विरासत ने मोबाइल पर ट्रैफिक देखा तो भारी जाम था। उसने समझाया बाकी खरीदारी कल कर लेंगे, आज बहुत देर हो चुकी है,लेकिन दोनों ने कहा हम ई-रिक्शा से चले जाते हैं,पांच मिनट ही लगेगी। वो दोनों रिक्शे में सवार होकर निकल पड़े और कुछ ही देर बाद लाल किले के पास हुआ वो धमाका, जिसने हमेशा के लिए सबकुछ बदल दिया।
चालक विरासत ने बताया कि करीब डेढ़ घंटे तक दोनों नहीं लौटे।फोन करने पर नोमान के पिता बोले, देखो जरा कहां रह गए। मैं ई-रिक्शा लेकर चांदनी चौक की ओर निकला, तभी रास्ते में पुलिस की भीड़ और अफरा-तफरी दिखी। लोग कह रहे थे,जबरदस्त धमाका हुआ है,जैसे कोई मिसाइल फटी हो। हर तरफ धुआं, भगदड़ और चीख-पुकार थी। कोई समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो गया।
विरासत ने बताया कि अगर नोमान और अमन मेरी बात मान लेते, तो शायद ये हादसा नहीं होता।अगर मैं उनके साथ जाता, तो शायद आज मैं भी जिंदा न होता। विरासत ने बताया कि धमाके की जगह उनकी कार पार्किंग से करीब तीन किलोमीटर दूर थी। बस थोड़ी देर का फासला था, मगर किस्मत ने वही तीन किलोमीटर को जिंदगी और मौत की रेखा बना दिया।