आजादी के 75 साल बाद भी विद्युतीकरण को तरसते ग्रामीण,बिजली विभाग के वादे निकले झूठे,ये कैसा आजादी का अमृत महोत्सव
आज़ादी के 75 साल बाद भी विद्युतीकरण को तरसते ग्रामीण, बिजली विभाग के वादे निकले झूठे,ये कैसा आज़ादी का अमृत महोत्सव






17 Mar 2022 |  237



ब्यूरो अनुज प्रताप सिंह



देश को आज़ाद हुए 75 वर्ष बीत चुके हैं,लेकिन अभी भी बिजली जैसी मूलभूत सुविधा से लोग वंचित हैं।आपको आश्चर्य तो बहुत हो रहा होगा,क्योंकि जब देश में हर जगह विद्युतीकरण हो रहा है तो क्या ऐसा संभव है।ये कड़वा सच है कि लोग आज भी बिजली को तरस रहे हैं। मामला उत्तर प्रदेश के एटा जिले के तहसील अलीगंज क़स्बा राजा का रामपुर से सटे ग्राम नगला तुलई का है।नगला तुल‌ई कस्बे से मात्र 500 मी की दूरी पर है और इसकी आबादी लगभग 350 के आसपास है।यहां के निवासियों का ये दुर्भाग्य ही है जो अभी तक यहां बिजली के दर्शन नही हुए हैं।पढ़ने वाले बच्चे आज भी लालटेन और दिए का सहारा लेकर पढ़ाई करते है।जो समर्थ हैं वो सौर ऊर्जा या अन्य बैटरी आदि का इंतजाम किए हुए हैं।बिजली के उपकरणों के नाम तो सुने हैं, लेकिन कैसे चलते हैं ये नही जानते है। मोबाइल चार्ज करने के लिए पास के कस्बे से अपने परिचितों आदि के यहां जाते हैं। आपको बता दें कि आजादी के बाद से ही भारत सरकार द्वारा देश में विद्युतीकरण हो रहा है।राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की शुरुआत 2005 में हुई तो लगा कि अब शायद बिजली आ जाए पर नही आयी।देश मे राजनैतिक परिवर्तन हुआ और केंद्र में भाजपा की सरकार बनी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में लालकिले से अपने भाषण में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का ऐलान किया।इसमे राजीव गांधी ग्रामीण योजना को इसमें समाहित कर लिया गया।ग्रामीणों में फिर आशा जगी कि अब तो अच्छे दिन आएंगे पर नतीजा फिर से वही ढाक के तीन पात।इस दौरान कई चुनावी सीजन आये और चले गए।नेताओ ने बड़े बड़े लच्छेदार वादे किए पर वादे तो चुनावी जुमले निकले और ग्रामीण फिर से ठगे गये। सबसे बड़ी बात तो ये है कि कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों को अवगत कराने के बाद अभी तक कोई प्रभावी कार्यवाही अमल मे नही लाई गई। 2021 में दीपावली पर खबरें चली मामला सूबे की राजधानी लखनऊ में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान मे आया तो जैसे तैसे आनन फ़ानन में जनरेटर के माध्यम से गांव में लाइट की व्यस्था की गई।जल्द ही विद्युतीकरण करने का आश्वासन दिया गया।हाय रे सरकारी कामकाज अब तक तो कछुआ भी चल कर दिल्ली पहुंच गया होता पर बिजली विभाग की लाइन इस गांव मे नही पहुंच पायी। प्रशासन की कुंभकर्णी नींद के कारण अब ग्रामीणों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है कि विद्युतीकरण करवा दिया जाये जिससे उनकी जरूरते पूरी हो सकें और उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय न रहे।ग्रामीणों को उम्मीद है कि योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल मे शायद इनकी बदनसीबी ख़ुशनसीबी में बदल जाये। ये शहर पानी-पानी है या हम कार्य से लेकर नालियों के भी मुंह टेढे़-टेढे़ है,समय हमसे खेल रहा है या हम फिर लिखा है शहर ने सफेदपोशी पर सवाल,अगर है तो जबाब लिख देना माई बापों बेसब्र है पढ़ने को शहर और हम


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