7 करोड़ का अनोखा घोड़ा,पीता है मिनरल वॉटर, 24 घंटे एक डॉक्टर रहता है तैनात,खूबियां जानकर आप रह जाएंगे हैरान
7 करोड़ का अनोखा घोड़ा,पीता है मिनरल वॉटर, 24 घंटे एक डॉक्टर रहता है तैनात,खूबियां जानकर आप रह जाएंगे हैरान

19 Nov 2023 |  121





अजमेर। राजस्थान के अजमेर में अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले का आगाज हो चुका है।देश के घोड़ा व्यापारियों ने नए मेला मैदान में घोड़ों के लिए डेरा जमा दिया है।विभिन्न नस्लों के घोड़े मेला मैदान में आकर्षक का केंद्र बने हुए है तो वहीं गुजरात के व्यापारी द्वारा लाया गया मारवाड़ी नस्ल का घोड़ा बड़ा आकर्षक का केंद्र बना हुआ है।गुजरात के राजकोट से आए व्यापारी ने मारवाड़ी नस्ल के घोड़े को लेकर बताया कि अब तक 7 करोड़ रुपए घोड़े की कीमत लगाई जा चुकी है।

राजस्थान के प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले में इस बार राजस्थान सहित अलग-अलग राज्यों से मारवाड़ी नस्ल के घोड़े खरीद फरोख्त के लिए पहुंचे हैं।चंडीगढ़ से आए घोड़े के व्यापारी गेरी गिल ने बताया कि उनके फार्म पर 70 विभिन्न प्रकार की नस्ल के घोड़े घोड़ी बेचने के लिए पुष्कर पहुंचे हैं।मारवाड़ी नस्ल के 11 करोड़ रुपए कीमत के इस घोड़े की विशेषता बताई।गेरी गिल ने यह भी बताया अगर यह घोड़ा कोई खरीदेगा तो उस रुपए का वह चैरिटी में लगाएंगे।

युवराज जडेजा ने बताया कि फ्रेजेंड को रोजाना 15 लीटर गीर,गाय का दूध 5 लीटर सुबह, 5 लीटर दोपहर और 5 लीटर शाम को और 5 किलो चना और 5 किलो दाल खिलाई जाती है। इसे केवल मिनरल वाटर पिलाया जाता है।घोड़े को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए विशेष एंबुलेंस की तरह गाड़ी है। घोड़े के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए 24 घंटे एक डॉक्टर भी तैनात रहता है।

युवराज जडेजा ने बताया कि घोड़े की लंबाई के कारण इस गाड़ी को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है,जिससे वो आरामदायक सफर कर सके।इसकी खासियतों की वजह से अब तक इसकी कीमत 7 करोड़ रुपए तक लगाई गई है, जो हाल ही में लॉन्च हुई लग्जरी गाड़ी रॉल्स रॉयस घोस्ट से ज्यादा है।

जडेजा ने बताया कि फिलहाल इस घोड़े को बेचने का उनका कोई मन नहीं है। वे इसे पहली बार पुष्कर मेले में प्रतियोगिताओं में भाग दिलवाने लाए हैं। अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश की विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुका है। आज तक उसे किसी भी घोड़े ने नहीं हराया है।बता दें कि राजस्थान के अजमेर में अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में 1046 ऊंट और 328 घोड़े अभी तक पहुंचे हैं।

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