ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ।उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं।इसके लिए सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं।यूपी में दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ताल ठोक दी है।उपचुनाव की तैयारियों में अब बसपा भी जुट चुकी है।मायावती ने रविवार को 11 बजे लखनऊ में अपनी पार्टी के पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की मीटिंग बुलाई है।मीटिंग में उपचुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों और चुनाव में बसपा की रणनीति पर बात होगी।
बसपा की बैठक में प्रदेश के जिला अध्यक्ष भी शामिल होंगे। वहीं इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारी,जोनल प्रभारी और जिला अध्यक्षों के साथ उपचुनाव के सीटों को लेकर चर्चा होगी, जिसमें मायावती पार्टी की जोनवार फीडबैक भी लेंगी।इसके साथ ही मायावती विधानसभा उपचुनाव को लेकर अपनी रणनीति भी तय कर सकती हैं।बता दें कि यूपी में मायावती और उनकी पार्टी पिछले कुछ समय से मुश्किल दौर से गुजर रही है।लोकसभा में बसपा का एक भी सांसद नहीं है।
लोकसभा चुनाव 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बसपा का एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका था। मायावती चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।यूपी में 2007 में बहुमत की सरकार बना चुकी है,लेकिन अब विधानसभा में बसपा का सिर्फ एक विधायक है।कभी मायावती दलितों की सबसे बड़ी नेता मानी जाती थीं,लेकिन दलित वोट बड़ी संख्या में मायावती से दूर जा रहा है।लोकसभा चुनाव में यूपी में बसपा का वोट शेयर घटकर 9.38 फीसदी रह गया है। मुस्लिम वोट भी अब मायावती के साथ नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा को 44 फीसदी जाटव वोट और 15 फीसदी गैर जाटव वोट मिला।
मायावती ने 2019 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ लड़ा और बसपा के दस सांसद बने और मायावती को 75 फीसदी जाटव और 42 फीसदी गैर जाटव वोट मिला। 2014 में मायावती को 68 फीसदी जाटव और 30 फीसदी नॉन जाटव वोट मिला था। विधानसभा चुनाव में भी जहां 2007 में मायावती को 16 फीसदी दलित वोट मिला था, वो 2022 के विधान सभा में घटकर 9.96 फीसदी रह गया। ऐसे में मायावती के लिए दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव काफी मायने रखते हैं। हालांकि जिन दस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें से एक भी सीट 2022 के विधान सभा चुनाव में बसपा नहीं जीती।
बता दें की उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर विधानसभा चुनाव होना है।इसमें कानपुर के सीसामऊ की सीट सपा के विधायक इरफान सोलंकी को सजा सुनाए जाने के बाद खाली हुई है।इसके अलावा 9 विधानसभा सीटों के विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद उपचुनाव हो रहा है। इनमें से 5 सीटें करहल,सीसामऊ,मिल्कीपुर,कटेहरी और कुंदरकी अभी तक सपा के पास थीं।इसके अलावा खैर, गाजियाबाद और फूलपुर सीट भाजपा के पास तो मझवा निषाद पार्टी और मीरापुर रालोद के पास थी।
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