ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ।बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सियासी मैदान में एंट्री की है।मायावती ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी राज्य में किसी गठबंधन के साथ नहीं,बल्कि अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी।
मायावती ने बिहार की कानून व्यवस्था पर जमकर हमला बोला है।मायावती ने कहा कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग, धनबल, बाहुबल और अपराध बल के खिलाफ जरुरी और सख्त कदम उठाए।चुनाव आयोग से निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की है।
पूर्व सीएम मायावती ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट कर कहा कि बिहार में खासकर दलितों,अति-पिछड़ों,शोषितों,गरीबों और महिलाओं के खिलाफ अन्याय,शोषण और हत्या की घटनाएं लंबे समय से चिंता का विषय रही हैं,लेकिन चुनाव से पहले भाजपा से जुड़े उद्योगपति और नेता गोपाल खेमका की राजधानी पटना में हुई हत्या ने कानून व्यवस्था की बदहाली को उजागर कर दिया है।यदि चुनाव आयोग अभी से इन घटनाओं पर संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करता है तो शांतिपूर्ण चुनाव कराना संभव होगा।
मायावती ने आरोप लगाया कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के दौरान बढ़ती हिंसा यह दिखा रही है कि कुछ शक्तियां अपने स्वार्थ के लिए माहौल को अस्थिर करना चाहती हैं।मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी दलितों, पिछड़ों,शोषितों,मजदूरों और वंचित वर्गों की पार्टी है,जो अपने कैडर,कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों के बलबूते पर चुनाव लड़ती है।बसपा बिहार विधानसभा का आम चुनाव पूरी ताकत से अकेले लड़ेगी और किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी।
पूर्व सीएम मायावती ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि बिहार चुनाव को सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग,धनबल, बाहुबल और अपराधबल से मुक्त रखने के लिए समय से सख्त कदम उठाए जाएं ताकि लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे और सभी दलों को समान अवसर मिल सके।
बता दें कि मायावती के इस बयान के बाद बिहार की सियासी गलियारों में हलचल मच गई है।सभी राजनीतिक दलों की नजर अब बसपा की आगामी रणनीति और उम्मीदवारों की सूची पर टिकी है।