लखनऊ।उत्तर प्रदेश में दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर काफी सियासी तपिश देखी जा रही है।मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच है।अगले कुछ महीनों में जिन दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है।इसमें अंबेडकरनगर जिले की कटेहरी विधानसभा सीट भी शामिल है।अंबेडकरनगर लोकसभा से सपा से लालजी वर्मा के चुनाव जीतने के बाद कटेहरी विधानसभा सीट खाली हुई है।यह सीट सपा लिए तो प्रतिष्ठा की सीट है ही वहीं भाजपा के लिए यहां दिक्कत यह है कि भाजपा अपना प्रत्याशी कटेहरी से उतारना चाहती है,लेकिन उसकी सहयोगी निषाद पार्टी यहां से अपना दावा ठोक रही है।
कटेहरी विधानसभा सीट अंबेडकरनगर जिले की पुरानी विधानसभा सीटों में से एक है।कटेहरी से सबसे ज्यादा बसपा कब्जा रहा है,लेकिन यहां सीधी लड़ाई सपा और भाजपा में है।
पिछले चार चुनाव की बात करें तो साल 2007 में बसपा प्रत्याशी धर्मराज निषाद ने सपा प्रत्याशी जयशंकर पांडेय को पराजित किया था, 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा के शंखलाल मांझी ने बसपा के लालजी वर्मा को पराजित किया था,.2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा के लालजी वर्मा ने भाजपा के अवधेश द्विवेदी को पराजित किया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा से सपा में आए लालजी वर्मा ने एक फिर भाजपा के अवधेश द्विवेदी को पराजित किया।
कटेहरी विधानसभा सीट पर चुनावी मुद्दों की बात करें तो रोजगार और बाढ़ यहां का प्रमुख मुद्दा है।यहां रोजगार का साधन कृषि और स्वरोज़गार ही है। सरयू नदी के किनारे होने से हर साल यहां बाढ़ आती है।इसके अलावा छुट्टा जानवर, गड्ढा युक्त सड़क और बिजली पानी भी चुनावी मुद्दा रहा है।
बसपा से सपा में आए लालजी वर्मा 2022 विधानसभा के चुनाव में कटेहरी से विधायक बने थे।साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने लालजी वर्मा को लोकसभा का प्रत्याशी बना दिया।लालजी वर्मा सांसद बन गए,जिससे कटेहरी सीट खाली हो गई।लोकसभा चुनाव में सपा को पांचों विधानसभा सीटों में कटेहरी में सबसे कम वोटों से बढ़त मिली थी।यहां चुनाव में सबसे बड़ा चुनावी फैक्टर जाति माना जाता रहा है।
कटेहरी विधानसभा में सबसे ज्यादा संख्या अनुसूचित जाति के मतदाताओं की है।इसके बाद ब्राह्मण मतदाता हैं।अनुसूचित जाति के लगभग 95000 हजार मतदाता हैं।ब्राह्मण मतदाता लगभग 50 हजार,क्षत्रिय लगभग 30 हजार, कुर्मी 45 हजार के आसपास, मुस्लिम 40 हजार, यादव 22 हजार, निषाद 30 हजार, राजभर 20 हजार, मौर्य 10 हजार, पाल 7 हजार, बनिया 15 हजार, कुम्हार/कहार 6 हजार और अन्य की आबादी लगभग 25 हजार मानी जाती है
कटेहरी विधानसभा में दावेदारों की बात की जाए तो उपचुनाव को लेकर किसी पार्टी ने अभी तक प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है,लेकिन फिर भी दावेदारो की लंबी फेहरिस्त है। भाजपा से पिछले दो चुनाव हार चुके अवधेश द्विवेदी इस बार भी अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैं।इसके अलावा पूर्व मंत्री धर्मराज निषाद भी प्रमुख दावेदार हैं,क्योंकि कटेहरी में निषाद मतदाताओं की संख्या ठीक-ठाक है।अंबेडकरनगर जिले के रहने वाले और लखनऊ में मीडिया से जुड़े अजीत प्रताप सिंह भी अपनी दावेदारी उपचुनाव में ठोंक रहे हैं।इसके अलावा 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे रितेश पांडेय की भी चुनाव लड़ने की चर्चा जोरो पर है।
अगर सपा के दावेदारों की बात करें तो सांसद लालजी वर्मा के परिवार से किसी की प्रत्याशी बनने की चर्चा है।लालजी वर्मा की पत्नी या फिर बेटी चुनाव लड़ सकती हैं। इसके अलावा कटेहरी से विधायक रह चुके पूर्व मंत्री शंखलाल मांझी और भीम निषाद भी अपनी दावेदारी ठोंकते हुए क्षेत्र में प्रचार प्रसार कर रहे हैं।हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बसपा का दामन थामने वाले अमित वर्मा का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। गठबंधन की राजनीति की बात करें तो कटेहरी विधानसभा सीट इंडिया गठबंधन में सपा के पाले में जाना तय है।वहीं एनडीए गठबंधन में भाजपा अपना प्रत्याशी लड़ना चाह रही है, लेकिन निषाद पार्टी ने अपना पूरा जोर लगा दिया है कि भाजपा उसके कोटे में ये सीट दे दे, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट उसी के पास थी।
|