नई दिल्ली।रेखा गुप्ता सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए प्री-वोकेशनल एजुकेशन कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया है।शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होने वाले इस कार्यक्रम के तहत छठी कक्षा में कौशल बोध नामक नया विषय शुरू किया जाएगा,जिसे आने वाले वर्षों में सातवीं और आठवीं कक्षा में भी जोड़ा जाएगा।
छात्रों को जीवन कौशल और व्यावसायिक जागरूकता से जोड़ने के उद्देश्य से यह विषय शुरू किया जा रहा है।राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 के अनुरूप तैयार इस पाठ्यक्रम को तीन श्रेणी के कार्यों में बांटा गया है।छात्रों को हर वर्ष तीन प्रोजेक्ट पूरे करने होंगे,प्रत्येक श्रेणी से एक।इन गतिविधियों में जैविक खेती,मिट्टी के बर्तन,बढ़ईगीरी,मोटे अनाज से खाना बनाना,कढ़ाई और बुनियादी बिजली के काम जैसे व्यावहारिक कार्य शामिल होंगे।
छात्रों को समूह में काम करने,सुरक्षित तरीकों से काम करने और कक्षा के ज्ञान को जीवन में लागू करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन, शिक्षक प्रशिक्षण और स्कूली माहौल में व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण की जिम्मेदारी स्कूल प्रधानाचार्यों को सौंपी है। इसके साथ ही कौशल मेले भी आयोजित किए जाएंगे,जिनमें छात्र अपने प्रोजेक्ट प्रदर्शित करेंगे और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में भाग लेंगे।
शिक्षा विभाग का मानना है कि इस पहल से छात्रों में समस्या समाधान क्षमता, टीम वर्क और भविष्य के पेशेवर जीवन के लिए आवश्यक बुनियादी कौशल विकसित करने में मदद मिलेगी।
तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा पाठ्यक्रम
1. जीवन रूपों के साथ कार्य
2. मशीनों और सामग्रियों के साथ कार्य
3. मानव सेवा में कार्य
छात्रों का मूल्यांकन 110 घंटे की गतिविधियों के आधार पर
पूरे वर्ष में इस विषय के लिए कुल 110 घंटे आवंटित किए जाते हैं। छात्रों का मूल्यांकन लिखित परीक्षा, मौखिक प्रस्तुतियों, गतिविधि पुस्तकों, पोर्टफोलियो और शिक्षक टिप्पणियों के आधार पर किया जाएगा।