बांकेबिहारी मंदिर का 54 सालों बाद खुला खजाना,सांपों का जोड़ा,आभूषणों के बाॅक्स,देखकर सभी रह गए दंग
बांकेबिहारी मंदिर का 54 सालों बाद खुला खजाना,सांपों का जोड़ा,आभूषणों के बाॅक्स,देखकर सभी रह गए दंग

19 Oct 2025 |   38



 

मथुरा।धर्म नगरी वृंदावन में प्रसिद्ध ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर का रहस्यमयी खजाना शनिवार को खोला गया।खजाना खुलने के बाद जो अंदर की तस्वीर सामने आई,उसे देखकर सभी हैरान रह गए।खजाना तो खुल गया,लेकिन अब एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है आखिर खजाने का माल कहां गया। संभावना तो यह जताई जा रही थी कि खजाने में कीमती हीरे,जवाहरात हैं,लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला।कमेटी के सदस्य सेवायत ने भी सवाल खड़ा किया और इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने की प्रशासनिक अधिकारियों से बात कही है।खजाने में खाली संदूक और आभूषणों के खाली बाॅक्स मिले,जो कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं।

गौरतलब है कि श्री बांकेबिहारी मंदिर में 54 सालों से बंद मंदिर का तोषखाना जब खोला गया तो उसमें निकले सामान को लेकर सभी को आश्चर्यचकित रह गए।इस तोषखाने में कोई भी कीमती वस्तु नहीं निकली।सिर्फ एक संदूक निकला,जिसमें कुंडे टूटे हुए हैं।जब बक्सा खोला गया तो उसमें देखा कि उसमें आभूषणों के खाली डिब्बे रखे थे। इसे देखकर काफी चर्चाएं होने लगीं। वहीं कुछ बर्तन और लकड़ी का सामान अभी तक मिला है,जिसकी लिखापढ़ी के बाद दोबारा सामान को तोषखाने में रख दिया है और उसे सील कर दिया है। आगामी दिनों में फिर से यह तोषखाना खुल सकता है। अभी दो और संदूक बाकी हैं, जिन्हें खोला नहीं गया है। यह आस कम ही है कि उनके भीतर कुछ निकलेगा।

 

श्री बांकेबिहारी मंदिर हाईपावर्ड कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी का कहना है कि खजाना तो खुल गया,लेकिन सवाल जरूर खड़ा कर गया,आखिर सारी चीजें कहां चली गईं। दिनेश गोस्वामी इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है।दिनेश गोस्वामी अगली मीटिंग में भी इस बात को प्रमुखता के साथ उठाएंगे।अध्यक्ष से मांग करेंगे कि वह इस मामले जांच कराएं।ऐसा कैसे हो सकता है कि खाली डिब्बे निकलें और माल नहीं। साथ ही बक्से के कुंडे भी कटे निकले। यह मामला अब बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है।

दिनेश गोस्वामी यह भी बताते हैं कि इस तोषखाने में दो बार चोरी की वारदात भी हो चुकी हैं।पहली चोरी सन 1926 और दूसरी चोरी 1936 में। सन 1971 में यह खजाना कोर्ट के आदेश पर सील किया गया था। क्या उससे पहले ही माल निकाला गया, इन सभी बातों के रहस्य से पर्दा उठना चाहिए।

बता दें कि वृंदावन में श्री बांकेबिहारी मंदिर का खजाना 54 सालों के बाद शनिवार को धनतेरस के अवसर पर खोला गया, लेकिन फिलहाल कोई बेशकीमती चीज इसमें नहीं मिली। खजाने में पीतल के बर्तन,संदूक और आभूषणों के खाली बॉक्स ही मिले हैं।अफसरों की निगरानी में दिल्ली से आए सीए ने पूरे सामान की सूची बनाई। खजाने में बड़े पैमाने पर हीरे, जवाहरात होने की बात कही जा रही थी मगर ऐसा कुछ नहीं निकला। इस दौरान सेवायतों ने हंगामा और नारेबाजी भी की। इसके बाद खजाने को फिर से सील कर दिया गया।

More news