दिवाली पर निकला दिल्ली का दम,खतरनाक हुई हवा,दिल्ली का औसत AQI 500 के पार,जल रहीं आंखें
दिवाली पर निकला दिल्ली का दम,खतरनाक हुई हवा,दिल्ली का औसत AQI 500 के पार,जल रहीं आंखें

21 Oct 2025 |   45



 

नई दिल्ली।दीपावाली पर दिल्ली पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का दम निकल गया है।दिल्ली की हवा खतरनाक हालत में पहुंच गई है।दिल्ली गैस चैंबर बन गई है।आंखों में जलन महसूस हो रही है। 38 निगरानी स्टेशनों में से 34 ने सोमवार को प्रदूषण का स्तर रेड जोन में दर्ज किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता बहुत खराब और गंभीर श्रेणी में है।मौजूदा वक्त में पूरी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 531 है। सीपीसीबी के अनुसार जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम क्षेत्र के आसपास वायु गुणवत्ता सूचकांक 317 दर्ज किया गया है।आईटीओ पर आज सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 259 दर्ज किया गया,जो खराब श्रेणी में है।दिल्ली में आरके पुरम के आसपास वायु गुणवत्ता सूचकांक 368 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में है।दिल्ली के नरेला इलाके में एक्यूआई 551 दर्ज किया गया है। यह सबसे अधिक रिकॉर्ड किया गया।अशोक विहार में भी एक्यूआई 493 पर दर्ज किया गया है। आनंद विहार का एक्यूआई 394 पर पहुंच गया है। दिल्ली से सटे नोएडा का एक्यूआई 369 पर है,जबकि गाजियाबाद में 402 रिकॉर्ड किया गया है। यह बहुत खराब श्रेणी में आता है। 

आप नेता सौरभ भारद्वाज का सीएम पर तंज

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मेरे पास जो ऐप है, उसमें एक्यूआई 600 को पार कर गया है,लेकिन हम मुख्यमंत्री से क्या उम्मीद कर सकते हैं, जो एक्यूआई का सही उच्चारण भी नहीं कर सकता,वे झाग कम करने के लिए उसी रसायन का इस्तेमाल कर रहे हैं,जिसका इस्तेमाल हमने किया था, फिर भी वे एक तरह का प्रोपेगैंडा रच रहे हैं।सौरभ ने कहा कि मुख्यमंत्री को जरा भी समझ नहीं है।हर साल अरविंद केजरीवाल शानदार रामलीलाओं के साथ दिवाली मनाते थे,लेकिन अब सोशल मीडिया पर भाजपा के लोग लिख रहे हैं कि आजादी के बाद के भारत में पहली बार हिंदू सरकार है। क्या साहब सिंह वर्मा मुसलमान थे, क्या मदन लाल खुराना मुसलमान थे, क्या सुषमा स्वराज मुसलमान थीं। कम से कम उन्हें तो छोड़ देना चाहिए था। वे अपने तीन बड़े नेताओं को, जो अब हमारे बीच नहीं हैं, हिंदू भी नहीं मानते हैं। 

आप पर भाजपा का पलटवार

आप नेता सौरभ भारद्वाज के बयान पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि उनका 11 साल का कार्यकाल अभी-अभी समाप्त हुआ है। हम बार-बार कह रहे हैं कि दिल्ली को स्वास्थ्य के अनुकूल और सांस लेने योग्य स्थिति में लाने में हमें 2-2.5 साल लगेंगे। उसके बावजूद वहीं लोग ऐसे बयान देते हैं और यह मुझे हंसाता है। मनोज तिवारी ने कहा कि अभी दिवाली ग्रीन पटाखों के साथ मनाई गई,दिल्ली के लोगों में खुशी है और उस खुशी के बाद भी,एक्यूआई जो सितंबर में खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाता था,अक्तूबर में अभी भी उससे नीचे है। हम इसे सख्त नियंत्रण में रखेंगे। सरकार भी तकनीक के अनुसार आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ तैयार है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि हम दिल्ली को अनुकूल स्थिति में रखेंगे।
 

इंडिया गेट पर ‌एक्यूआई 342

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार मंगलवार सुबह दिल्ली में इंडिया गेट के आसपास ‌एक्यूआई 342 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में है।दिल्ली में अक्षरधाम के आसपास ‌एक्यूआई 358 दर्ज किया गया,जो बहुत खराब श्रेणी में है। आईएन‌ए और एम्स के पास भी हवा खराब है।

चांदनी चौक में एक्यूआई 326

मंगलवार सुबह दिल्ली में चांदनी चौक में 326, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 318, रोहिणी में 372 और ओखला फेज 2 में 353 के आसपास एक्यूआई दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में है।दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के दूसरे चरण (GRAP-2) के नियम लागू हैं।

बढ़ते एक्यूआई पर क्या बोले दिल्ली वाले

दिल्ली के एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि यह सबकी जिम्मेदारी है।अगर हर व्यक्ति जिम्मेदारी ले तो एक्यूआई स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।सिर्फ सरकार और एजेंसियों के सोचने से कुछ नहीं होगा। ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल के स्पष्ट आदेश हैं और अगर हम इन नियमों का पालन कर सकें, तो हम समाज की अच्छी सेवा कर रहे होंगे।एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि प्रदूषण आज से नहीं बढ़ा है। ये तो साल से बढ़ रहा है।सब नेताओं को दोष देते हैं,लेकिन लोग खुद ऐसे ही हैं। लोग खुद नहीं सुधर रहे हैं। आपको पटाखे तो मिल जाएंगे, लेकिन उन्हें फोड़ना है या नहीं यह आप पर निर्भर है। फिर वे शिकायत करेंगे कि सरकार कुछ नहीं कर रही।
 

GRAP-2 का कार्यान्वयन और इसका महत्व

बता दें कि GRAP-2 के लागू होने के साथ ही दिल्ली में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। इस चरण में मुख्य रूप से उन गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है जो वायु प्रदूषण में वृद्धि करती हैं। इनमें निर्माण और विध्वंस गतिविधियों को नियंत्रित करना, विशेष रूप से उन परियोजनाओं पर रोक लगाना जो धूल पैदा करती हैं।इसके अलावा डीजल जनरेटरों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है,सिवाय उन आवश्यक सेवाओं के जहां बिजली की आपूर्ति बाधित हो।

धुंधली दिल्ली,आतिशबाजी के निशां

बता दें कि दीवाली की रात राजधानी दिल्ली में जमकर हुई आतिशबाजी के बाद सड़कों पर बिखरे बम-पटाखों के अवशेष और हवा में फैला धुआं दिल्ली को एक घनी धुंध की चादर में लपेट गया। आसमान में दूर तक फैली यह धुंधली परत उत्सव की चमक के साथ प्रदूषण की गंभीर तस्वीर भी पेश करती दिखी। दीयों की रोशनी और आतिशबाजी की चमक के बीच दिल्ली की हवा में घुला यह धुआं, त्योहार की खुशी और पर्यावरण की चिंता दोनों का एहसास कराता रहा। 

जानें एक्यूआई रीडिंग के मानक

एक्यूआई रीडिंग को अच्छा (0-50), संतोषजनक (51-100), मध्यम प्रदूषित (101-200), खराब (201-300), बहुत खराब (301-400), और गंभीर (401-500) श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

More news