साधुवाद है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पूजनीय योगी आदित्यनाथ महाराज को जो महिलाओं की सुरक्षा हेतु इस तरह के इस्लामिक गृह युद्ध पर विशेष टीम गठित करके कार्यवाही करने का दृढ संकल्प धारण किये हुए हैं अन्यथा जिहाद का तंत्र इतना मजबूत है कि नेता हो या अभिनेता सब इसके समक्ष दंडवत हैं।हिंदुत्व की राजनीति सब करना चाहते हैं पर संध्या में मित्रता इस्लामिक समाज के यहां ही निभाते हैं।हिन्दू परिवारों की जानकारी इसी मित्रता के दम पर जिहादी आसानी से पा जाते हैं।
धर्मांतरण जिहाद हो, लव जिहाद हो,जमीन जिहाद हो, रेल जिहाद हो, मेडिकल जिहाद हो इन सबसे किसी भी उस राजनेता को समस्या नहीं,जिसको मुसलमानो का वोट चाहिए। आप सोचिए प्रतिदिन लोग पकड़े जा रहे हैं,प्रमाण मिल रहे हैं। आरोपियों का स्पष्ट कहना है की उन्हें गजवा ए हिन्द करना है,लेकिन इस्लाम से संबंध होने के कारण एक शब्द उनके विरुद्ध कोई भी सेकुलरवादी नहीं बोल रहा है।जिन मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं तक का प्रवेश वर्जित है,उनमें सनातन में जन्म लेने वाली प्रतिष्ठित महिलाएं जा रही हैं जबकि इस्लामिक मौलाना कह रहे हैं की ये इस्लाम के विरुद्ध है, महिला को मस्जिद में नहीं जाना चाहिए और महिलाओं को इस्लामिक बुर्का धारण करना चाहिए।आखिर ऐसी भी क्या राजनीतिक मजबूरी है कि हम अपने सनातनी गौरव का त्याग कर दें।
बात रही शिक्षा की तो गाजियाबाद के एक वरिष्ठ पुलिसकर्मी जो इस्लामिक समाज से हैं उन तक की संलिप्तता धर्मांतरण गिरोह में पायी गयी है।सोचिये न जाने ऐसे कितने प्रकरण और अपहरण होते होंगे,जिनके मुकदमे सिर्फ इसलिए नहीं लिखे जाते होंगे क्यूंकि गुम होने वाली स्त्री हिन्दू और शिकायत दर्ज करने वाला अधिकारी मुस्लिम समाज से है। कल्पना कीजिए क्या हिन्दुओं ने कभी ऐसे प्रयास किये जैसे इस्लामिक संगठन कर रहे हैं यदि इस्लामिक समाज की इस सोच को बाधित नहीं किया गया तो भारत का भविष्य क्या होगा।