यमुना के उफान से दहशत,बाढ़ के बीच आगरा के 14 इलाके और 40 गांवों में बढ़ी निगरानी
यमुना के उफान से दहशत,बाढ़ के बीच आगरा के 14 इलाके और 40 गांवों में बढ़ी निगरानी

23 Aug 2025 |   52



 

आगरा।उत्तर प्रदेश के आगरा यमुना उफान पर है। बाढ़ से आगरा में दहशत फैली है। यमुना में पानी लगातार बढ़ रहा है।शुक्रवार सुबह से यमुना 495.9 फीट पर लबालब बह रही है। शहर के 14 इलाके और 40 गांव में निगरानी बढ़ा दी गई है। तराई क्षेत्र में फसलें डूब गई हैं।गांव के खादर और कच्चे रास्ते पानी से जलमग्न हो गए हैं।ऐसे में सिंचाई विभाग ने राहत की खबर दी है। गोकुल बैराज से नदी में पानी का डिस्चार्ज घटना शुरू हो गया है। यानि कि दो दिन और जलस्तर में वृद्धि होगी। उसके बाद तेजी से पानी उतरने लगेगा।

17 अगस्त की शाम चार बजे हथिनी कुंड से छोड़े 1.78 लाख क्यूसेक पानी का असर अब आगरा में दिख रहा है। गुरुवार रात 11 बजे गोकुल बैराज से नदी में डिस्चार्ज बढ़ाकर एक लाख क्यूसेक कर दिया गया, जो पांच घंटे चला है। इसके बाद रात तीन बजे से पानी कम होना शुरू हुआ, जो घटकर 99,119 क्यूसेक कर दिया। गुरुवार रात नौ बजे यहां से पानी 88,785 क्यूसेक प्रतिघंटे छोड़ा जा रहा है। इससे आगरा में यमुना का जलस्तर 495.9 फीट पहुंच गया है।

शहरी क्षेत्र के नगर निगम ने नगला बूढ़ी,अमर विहार दयालबाग,बल्केश्वर जसवंत की छतरी,सरस्वती नगर,जीवनी मंडी कृष्णा कॉलोनी,बेलनगंज सेक्सरिया वाली गली,यमुना किनारा रोड,वेदांत मंदिर से आगरा फोर्ट तक,स्टेची ब्रिज, छत्ता बाजार,कछपुरा,नगला देवजीत,मारवाड़ी बस्ती,मोती महल,यमुना ब्रिज कॉलोनी,कटरा वजीर खां,रामबाग बस्ती, अप्सरा टॉकीज,भगवती बाग,राधा विहार,केके नगर,शोभा नगर और जगदंबा कॉलेज के आसपास टीमें सक्रिय कर दी हैं। यदि जलस्तर में बढ़ोतरी हुई तो सबसे पहले ये इलाके प्रभावित होंगे। इनमें से कई स्थानों पर यमुना का पानी प्रवेश मार्ग तक पहुंच गया है।

एत्मादुद्दौला और मेहताब बाग की बाउंड्री से सटकर यमुना बह रही है। इधर बटेश्वर का घाट डूबने लगा है। यहां महज चार सीढ़ी नीचे यमुना बह रही है। पश्चिमी छोर के घाटों के ऊपरी स्तर पर यमुना बह रही है। तराई क्षेत्र की फसलें डूब गई हैं। वहीं फतेहाबाद के तनौरा,नूरपुर और मेहरा नाहरगंज गांव में चारों ओर पानी ही पानी दिख रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर बढ़ा तो अब पानी मकानों तक पहुंच जाएगा।

यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है।शहर में बाढ़ संभावित 14 स्थानों पर निगरानी बढ़ाई है।नोडल अधिकारियों को तैनात कर पर्यवेक्षण के लिए सफाई नायकों को जिम्मेदारी दी है। इन सफाई मित्रों की शिफ्ट वाइज ड्यूटी लगी है। यमुना किनारे के हाथी घाट, बल्केश्वर और दशहरा घाट पर भी कर्मचारी तैनात किए हैं। वहीं मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया है,जहां अधिकारी मॉनीटरिंग करेंगे। 

अपर नगर आयुक्त शिशिर कुमार ने बताया कि घाटों पर दो-दो कर्मचारियों को शिफ्ट वाइज तैनात किया है। सुबह 6 से रात 10 बजे तक यमुना के जलस्तर पर नजर रख रहे हैं। निर्माण विभाग के अभियंता को भी आपात स्थिति में तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।नदी का जलस्तर बढ़ने पर नालों के बैक मारने से उत्पन्न होने वाली किसी भी अप्रिय स्थिति से बचाव के लिए पहले से सैंड बैग तैयार हैं।

सिंचाई विभाग की मानें तो गोकुल बैराज से यमुना में जलस्तर कम होना शुरू हो गया है,लेकिन खतरा बना हुआ है। शुक्रवार को आगरा में वो पानी दिख रहा है,जो 24 घंटे पहले गोकुल से छोड़ा गया था,जिससे जलस्तर बढ़कर 495.9 फीट हो गया है। गोकुल से एक लाख क्यूसेक डिस्चार्ज हुआ है, जो 24 घंटे में यहां से पास होगा। इससे शनिवार को जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना है। उसके बाद जलस्तर में गिरावट दर्ज की जाएगी। ऐसे में यदि बारिश हुई तो हालात बदल सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ चौकियों पर लेखपाल और गांवों में निगरानी के लिए राजस्व की टीमें लगाई गई हैं। नदी किनारे लोगों को जाने से रोक दिया है। जलस्तर पर टीमें नजर बनाए हुए हैं।

बाह क्षेत्र में 35 गांव पर बाढ़ का खतरा बना हुआ है,यहां किसानों की फसलें डूब गई हैं,खतरे से ग्रामीणों की रात की नींद उड़ी हुई है। यमुना का पानी बड़ापुरा,गगनकी,रामपुर चंद्रसेनी,बिक्रमपुर घाट,चरीथा,बाग गुढियाना,कचौरा घाट, गढ़ी बरौली,सुंसार,कोट का पुरा,पुरा चतुर्भुज गांव तक पहुंच गया है। यहां बीहड़ से जुड़ने वाले खादर और कच्चे रास्ते जलमग्न हैं। गनीमत है कि यहां अभी आबादी क्षेत्र प्रभावित नहीं हुआ है। एसडीएम हेमंत कुमार ने बताया कि यमुना के उफान पर 24 घंटे निगरानी है। आबादी क्षेत्र प्रभावित नहीं हुआ है। तराई के खेतों में पानी भर गया है। राजस्व टीम और लेखपाल सतर्क हैं।

More news