गाजीपुर।जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह रहे माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को शनिवार सुबह गाजीपुर जिला जेल से कासगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया है।उमर पर फर्जी दस्तावेज बनाकर संपत्ति बचाने और कोर्ट को गुमराह करने का गंभीर आरोप है।अदालत ने उमर की जमानत याचिका खारिज कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
उमर अंसारी को 4 अप्रैल को राजधानी लखनऊ के दारुलशफा से गाजीपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था।पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद उमर को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल में दाखिल किया था।उमर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी मां अफशां अंसारी के नकली साइन करके जब्त की गई संपत्ति के फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं,इसी मामले में उमर पर मोहम्मदाबाद थाने में मामला दर्ज किया गया था। उमर की मां पर भी पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया है,जो लंबे समय से फरार चल रही हैं।अफशां पर लगभग 13 मामले दर्ज हैं।
उमर अंसारी को गाजीपुर जेल की बैरक नंबर 10 में रखा गया था। इसी बैरक में कभी उसके पिता मुख्तार अंसारी को लंबे समय तक बंद रखा गया था।पिछले दिनों उमर के बड़े पिता और मुख्तार अंसारी के बड़े भाई गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी को भी एक मुकदमे के दौरान बैरक नंबर 10 में ही रखा गया था।अदालत में पेशी के दौरान सबूतों के आधार पर अफजाल की जमानत खारिज हुई थी।
प्रशासन के अनुसार सुरक्षा कारणों से उमर को गाजीपुर जेल में लंबे समय तक रखना संभव नहीं था। इसलिए उसे कासगंज जेल भेजा गया।उमर का कासगंज जेल स्थानांतरण अंसारी परिवार के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाई का हिस्सा माना जा रहा है।
इस घटनाक्रम ने गाजीपुर और आसपास के क्षेत्रों में सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है।चर्चा है कि उमर की गिरफ्तारी और जेल स्थानांतरण से अंसारी परिवार के सियासी भविष्य पर असर पड़ सकता है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि कानून सबके लिए बराबर है। इस मामले की जांच पूरी गंभीरता से की जा रही है।
बता दें कि जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह माफिया मुख्तार अंसारी की आज से लगभग तीन साल पहले बांदा जेल में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।मुख्तार की मौत को लेकर उस समय कई तरह के आरोप भी लगाए गए थे।परिवार ने अंसारी की मौत को साजिश बताया था, इसके साथ ही इसमें किसी और के शामिल होने का आरोप भी लगाया था,हालांकि इस पूरे मामले में जेल अधिकारियों की तरफ से कहा गया था कि मुख्तार को मौत से लगभग 3 घंटे पहले ही इलाज के लिए मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था,जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।