मथुरा में मालगाड़ी हादसा:थम ग‌ए ट्रेनों के पहिए,घंटों फंसे रहे यात्री,भूख-प्यास से हुए बेहाल
मथुरा में मालगाड़ी हादसा:थम ग‌ए ट्रेनों के पहिए,घंटों फंसे रहे यात्री,भूख-प्यास से हुए बेहाल

22 Oct 2025 |   41



 

मथुरा।उत्तर प्रदेश के मथुरा में मंगलवार रात आठ बजे मालगाड़ी हादसा हुआ।मथुरा-पलवल रेल खंड में वृंदावन-आझई रेलवे ट्रैक पर जैंत के पास कोयले से लदी मालगाड़ी के डिरेल होने के बाद हजारों यात्री ट्रेनों फंसे रहे। छाता,फरह,जंक्शन व भूतेश्वर पर ट्रेनें खड़ी रहीं। यात्री भूख-प्यास से बेहाल हो गए। रात 12 बजे के बाद दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनों को एक-एक करके निकाला जाने लगा था।

मालगाड़ी हादसे के बाद शताब्दी एक्सप्रेस,मेवाड़ एक्सप्रेस, पंजाब मेल सहित कई ट्रेनों को रोक दिया।पैसेंजर और मेमू गाड़ियों के यात्री भी परेशान रहे।रात आठ बजे हादसे के बाद यात्रियों ने इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ट्रेनों के बारे में जानकारी करना शुरू कर दिया। वहीं शताब्दी में सफर कर रहे विवेक रोहिला ने बताया कि दो घंटे तक ट्रेन के बारे में जानकारी नहीं दी गई। कम से कम यात्रियों को बताया तो जा सकता था। इसी तरह मेवाड़ एक्सप्रेस में सफर कर रहे यात्रियों का कहना था कि पानी भी खत्म हो गया। यात्री बेहाल हो गए। ट्रेन घंटों आउटर पर खड़ी रही।

बता दें कि मथुरा-पलवल रेलवे ट्रैक पर मंगलवार को मालगाड़ी के 12 डिब्बे डिरेल हुए हैं,इसी ट्रैक पर और लगभग इसी स्थान पर पिछले साल 18 सितंबर की रात्रि में एक मालगाड़ी डिरेल हुई थी। तब 28 डिब्बे डिरेल हुए थे,जिससे 100 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुई थीं और लगभग 34 ट्रेनें निरस्त करनी पड़ी थीं।पिछले साल डिरेल हुई मालगाड़ी में लगभग 1820 टन कोयला लदा हुआ था। दुर्घटना के समय बारिश का मौसम होने से पटरी से उतरा यह पूरा कोयला मिट्टी में मिल गया था,जिससे रेलवे को लगभग 50 लाख से अधिक का नुकसान हुआ था।एक ही स्थान पर मालगाड़ी के बार-बार डिरेल होने से रेलवे ट्रैक की सुरक्षा और इंजीनियरिंग पर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, ताकि बार-बार हो रही इन दुर्घटनाओं के मूल कारणों का पता लगाया जा सके।

बता दें कि ट्रैक पर मालगाड़ी के 12 डिब्बे पूरी तरह पलट गए हैं। कई डिब्बे तो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। इससे यह भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं हादसे के पीछे कोई साजिश तो नहीं है। कहीं ट्रैक पर कोई वस्तु तो नहीं रखी गई थी। हालांकि रेलवे अधिकारियों ने अभी कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है। पहली प्राथमिकता यातायात सुचारू करना है। इसके बाद सभी पहलुओं से जांच की जाएगी।

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