कांग्रेस की मंडली में क्यों फिट बैठे इमरान प्रतापगढ़ी, दूसरे इमरान खाली हाथ: धनंजय सिंह
कांग्रेस की मंडली में क्यों फिट बैठे इमरान प्रतापगढ़ी, दूसरे इमरान खाली हाथ: धनंजय सिंह


30 May 2022 |  190





लखनऊ।कांग्रेस ने राज्यसभा के 10 उम्मीदवारों की सूची जारी की है।ये सूची पार्टी के अंदर और बाहर की सियासत में बहस का मुद्दा बन गयी है।कांग्रेस के कई नेताओं ने बहुत भरोसे से अपने लिए उम्मीद लगा रखी थी,लेकिन उनकी उम्मीदें चुनावी बुलडोजर ने धाराशायी कर दी है।कुछ की तो जैसे लौटरी ही लग गई है।उनमें से एक हैं कांग्रेस के युवा नेता और पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी।कांग्रेस ने यूपी के प्रतापगढ़ जिले के इस शायर को महाराष्ट्र से टिकट देकर लंबे समय के लिए मुस्लिम राजनीति के हिसाब से बड़ा दांव लगाया है,लेकिन कांग्रेस की इस सूची को देखकर यूपी के एक और इमरान हैं जिनको शायद आज अपनी गलती पर काफी पछतावा हो रहा होगा।

कांग्रेस की सूची में इमरान प्रतापगढ़ी की लगी लॉटरी

कांग्रेस ने रविवार देर रात जारी राज्यसभा चुनावों के लिए 10 उम्मीदवारों की सूची जारी की।उम्मीदवारों की जारी सूची ने कांग्रेस की अंदरूनी सियासत को लेकर स्थिति साफ कर दी है। कांग्रेस के अंदर खाने से ही आरोप लग रहे हैं कि जो गांधी परिवार के सबसे ज्यादा नजदीक हैं,उनकी लॉटरी लगी है और उनमे से एक हैं शायर इमरान प्रतागढ़ी भी। इमरान प्रतापगढ़ी यूपी से ऊपरी सदन में जाने की सोच भी नहीं सकते थे। कांग्रेस के आलाकमान ने महाराष्ट्र से इमरान प्रतापगढ़ी को राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया है।उत्तर प्रदेश के बड़के जिले प्रतापगढ़ को अपने नाम के साथ जीवंत रखने वाले इमरान प्रतापगढ़ी को कांग्रेस शायद अपना सबसे बड़ा मुस्लिम चेहरा बनाने की दांव चल चुकी है,क्योंकि सूची से वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का नाम फुर्र है।

जानें कौन हैं इमरान प्रतापगढ़ी

इमरान प्रतापगढ़ी पिछले लोकसभा चुनाव में यूपी के मुरादाबाद से चुनाव लड़ चुके हैं और इस समय कांग्रेस के अल्पसंख्यक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।राजनेता बनने से पहले इमरान प्रतापगढ़ी शायर के तौर पर मशहूर रहे हैं और अपनी शायरी के जरिए भाजपा पर निशाना साधने की वजह से ही कांग्रेस आलाकमान के दिलों में अपने लिए बहुत ही जल्द जगह बना पाए हैं।यही कारण है कि 2019 में मुरादाबाद से लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस ने बाकी हारे हुए नेताओं की तरह उनपर भी महाराष्ट्र से दांव लगाया है,जहां कांग्रेस के पास इतने विधायक हैं, जिससे इनका राज्यसभा में पहुंचना मुमकिन लग रहा है। इमरान प्रतापगढ़ी ने बहुत ही कम समय में सोनिया गांधी,राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से नजदीकी बना ली है,लेकिन कांग्रेस की ओर से इमरान प्रतापगढ़ी को पार्टी के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे के तौर पर उभारने की कोशिश के पीछे एक और इमरान भी माने जा सकते हैं,जो पिछले यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को हराने का मंसूबा लेकर कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।

इमरान मसूद के हाथ आया पछतावा

सहारनपुर के पूर्व विधायक इमरान मसूद खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े जनाधार वाले नेता माने जाते थे।यही कारण है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के खिलाफ अबतक के सबसे भयानक हेट स्पीच के बाद भी राहुल गांधी ने इमरान मसूद को कांग्रेस से दूर नहीं जाने दिया,क्योंकि कांग्रेस यही सोचती रही कि मुसलमानों के बीच मसूद का अपना जलवा है,लेकिन 2022 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मसूद ने साइकिल पर सवार हो गए।चुनाव नतीजे आने के बाद भी मसूद को अपने फैसले पर पछतावा नहीं था।मसूद ने मार्च के आखिरी में इंडियन एक्सप्रेस से एक इंटरव्यू में कहा था कि जहां तक कांग्रेस का सवाल है इसी तरह के नतीजों का अनुमान था। मैंने जो कुछ भी कहा था वह सिर्फ मेरी ही नहीं, पार्टी के अंदर के कई नेताओं की आवाज थी। चुनाव के पहले दिन से ही यह दिख रहा था कि जनता कांग्रेस को लड़ाई में नहीं देख रही है। मैं समझ नहीं पाता हूं कि जब मैं देख रहा था कि जमीन पर क्या हो रहा है, तो वे क्यों नहीं देख सके,मैंने नेतृत्व को काफी समझाया, लेकिन दुर्भाग्य से मैं नाकाम रहा, लेकिन शायद मसूद को अब यह पछतावा हो रहा होगा कि उस समय अगर आलाकमान की नजरों से ही देखते रह जाते तो आज राज्यसभा उम्मीदवारों की लिस्ट अलग हो सकती थी।

मैं पूछती हूं कि क्या मैं कम योग्य हूं

इमरान मसूद तो अब कांग्रेस में नहीं है,लेकिन इमरान प्रतापगढ़ी के नाम की घोषणा के साथ ही कांग्रेस की महिला सेल की महासचिव और मुंबई कांग्रेस की उपाध्यक्ष नगमा ने ट्विटर पर ताबड़तोड़ प्रतिक्रिया दी है। नगमा ने लिखा है कि हमारी भी 18 साल की तपस्या कम पड़ गई इमरान भाई के आगे।नगमा ने इतने ही भर से दम नहीं लिया।उन्होंने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष की ओर उंगली उठाते हुए लिखा कि सोनिया जी हमारी कांग्रेस अध्यक्ष ने मुझसे 2003/04 निजी तौर पर राज्यसभा में जगह देने का वादा किया था,जब मैंने उनके कहने पर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई थी,तब हम सत्ता में नहीं थे। तब से 18 साल हो चुके हैं लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। मिस्टर इमरान को महाराष्ट्र से राज्यसभा भेजा जा रहा है, मैं पूछती हूं कि क्या मैं कम योग्य हूं।

कांग्रेस पर मंडली हावी

नगमा अकेले नहीं हैं। कांग्रेस की सूची को लेकर कांग्रेस के अंदर भारी मायूसी और नकारात्मकता की खबरें हैं। ज्यादातर नेताओं का मानना है कि पार्टी के इतने संकट से गुजरने के बाद लगता है कि आलाकमान की सोच और काम करने का तरीका नहीं बदला है। द टेलीग्राफ ऑनलाइन ने पार्टी के एक नाराज वरिष्ठ नेता को कोट करते हुए लिखा है कि पार्टी में एक मंडली है और उसी मंडली को संसद में ट्रांसप्लांट किया जाएगा।

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