आंसुओं के सैलाब के बीच दंपती समेत बेटे- बेटी की उठी अर्थी,दो भाइयों चारों शवों का एक ही चिता पर किया अंतिम संस्कार
आंसुओं के सैलाब के बीच दंपती समेत बेटे- बेटी की उठी अर्थी,दो भाइयों चारों शवों का एक ही चिता पर किया अंतिम संस्कार

28 May 2023 |  89



शुभम कुमार यूपी क्राइम हेड

प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र के महाबल का पुरवा दर्रा में परिजनों के आंसुओं के सैलाब के बीच हादसे में जान गंवाने वाले दंपती और बेटे व बेटी की एक साथ अर्थी उठते ही लोगों की आंखों से आंसुओं धार बहने लगी।चारों शवों के अंतिम संस्कार के लिए तैयार की गई एक ही चिता को दो भाइयों ने एक साथ मुख्य अग्नि दी।वहां मौजूद सभी फफक पड़े।दर्दनाक हादसे परिवार की महिलाएं और रिश्तेदार रो-रोकर बेहोश हो रहे थे।चारों पंचतत्व में विलीन हो गए।


मिली जानकारी के जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र के महाबल का पुरवा दर्रा के रहने वाले मनोज सिंह शनिवार को पत्नी सीमा, बेटी सपना और बेटे शिवम के साथ अपनी ससुराल जामताली जा रहे थे।लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर नगर कोतवाली के पृथ्वीगंज बाजार के पास रानीगंज की तरफ से आ रही बेकाबू कार ने अपनी चपेट में ले लिया,जिससे चारों की दर्दनाक मौत हो गई थी।पोस्टमार्टम के बाद चारों शव शनिवार देर शाम घर पहुंचा तो पूरे गांव में कोहराम मच गया।दर्दनाक हादसे में दो मासूम समेत दंपती की मौत के बाद शनिवार की शाम सभी का शव घर पहुंचा तो पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया।यही नहीं आसपास के कई घरों में भी चूल्हा नहीं जला।

परिजन और रिश्तेदारों के इंतजार में रविवार को अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया गया।रविवार दोपहर मनोज के भाई रमेश और नीरज कर्नाटका से और चंडीगढ़ से बहन अर्चना के साथ अन्य रिश्तेदार घर पहुंचे।अंतिम संस्कार के लिए गांव के खेत में एक बड़ी चिता तैयार की गई।दोपहर दो बजे के बाद जब अंतिम संस्कार के लिए मनोज और उनकी पत्नी,बेटी बेटे की अर्थी उठी तो भयंकर चीत्कार, कोहराम और आंसुओं के सैलाब के बीच चारों शव चिता पर रखे गए। बड़े भाई रमेश सिंह ने मनोज और भतीजे शिवम और छोटे भाई प्रमोद सिंह ने सीमा और सपना को एक ही चिता पर मुख्य अग्नि दी।मनोज के पिता लल्लन सिंह तो जैसे बेसुध हो गए थे।मां शकुंताला रो रो कर बेहोश हो जा रही थी।होश में आने पर दहाड़ें मारकर रोती और फिर बेहोश हो जाती।अंतिम संस्कार के दौरान उदयपुर थाना प्रभारी भी फोर्स के साथ सहयोग में जुटे रहे।गांव में माहौल इतना गमगीन था कि कई लोगों ने अंतिम संस्कार होने तक खाना तक नहीं खाया।

बता दें कि महाबल का पुरवा दर्रा के रहने वाले मनोज सिंह सूरत में सब्जी बेचते थे।पांच मई को भाई प्रमोद की शादी शामिल होने के लिए पत्नी और दोनों बच्चों के साथ घर आए थे।

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