अन्ना मवेशियों से फसल को बचाने के लिए कड़ाके की ठंड में रतजगा कर रहे किसान
अन्ना मवेशियों से फसल को बचाने के लिए कड़ाके की ठंड में रतजगा कर रहे किसान

24 Dec 2023 |  120



ब्यूरो देवीशरण मिश्रा


प्रतापगढ़।सरकार दावा करती है कि किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी गई है,लेकिन सच्चाई यह है कि एक-एक दाने को बचाने के लिए किसानों को कड़ाके की ठंड में खेतों में रतजगा करना पड़ रहा है।अन्ना मेविशयों का झुंड किसानों की आंखों के सामने उनकी फसल को रौंदते हुए चट कर रहे हैं। अब गेहूं की फसल से आस लगाए किसानों को रात में खेतों में रतजगा कर रहे हैं।सर्द मौसम भी किसानों की परीक्षा ले रहा है। 11 डिग्री से 10 और लुढ़कते हुए रात का पारा 9 डिग्री तक आ चुका है।देर रात खेत में फसल की रखवाली कर रहे किसानों की हाड़ कंपा रही ठंड में पेरशानी की पड़ताल की गई तो सच सामने आया।

गडवारा के तिरखोरी में रात 11बजे खेत की रखवाली करने लिए आग जलाकर किसान राम कृपाल और महेश बैठे थे। दोनों ने बताया घर से लगभग ढ़ाई से तीन किलोमीटर दूर रातभर खेत में रहकर रखवाली करना मजबूरी है।क्षेत्र में इतने छुट्टा जानवर घूमते हैं कि जरा सा चूके तो अगली सुबह खेत साफ ही मिलेगा।

गडवारा क्षेत्र के चौखड़ में रात साढ़े 11बजे किसान कल्लन प्रजापति खेत में गेहूं की सिंचाई कर रहे थे।कल्लन ने बताया कि रात को सिंचाई कर देने से दिन में दूसरे काम करने का मौका मिल जाता है। ठंड है तो क्या हुआ अलाव के सहारे रात काट लेते हैं। फसल की तकवारी भी हो जाती है।

पूरे अंती में रात 12 बजे जानवरों से फसल की रखवाली करने लिए किसान राम प्रताप लेटे थे।राम प्रताप बताते हैं कि परिवार के सभी सदस्यों ने अलग-अलग समय पर रखवाली की जिम्मेदारी ले रखी है। पिता दोपहर में खेत देखते हैं और रात को मैं। मजबूरी में रतजगा करना पड़ रहा है।

जगेशरगंज के गोबरी में रात 1 बजे जानवरों से फसल की रखवाली करने लिए अलाव जलाकर खेत में बैठे किसान बताते हैं कि आसपास के खेतों के किसान भी आ जाते हैं तो रात को हमारा झुंड अलाव सेंकते हुए मवेशियों के झुंड को भगाने के लिए रातभर जगता रहता है।

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