
ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ।उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन में पिछड़े और दलित वर्ग के अभियंताओं को इंटरव्यू के लिए न बुलाए जाने का विवाद अब सुलझ गया है।पावर कार्पोरेशन ने नए सिरे से कॉल लेटर जारी कर दिए हैं।निदेशकों का 17 पद खाली पड़ा है,इन्हीं पदों पर चयन होना है।इसके लिए साक्षात्कार में पावर कार्पोरेशन में कार्यरत पिछड़े और दलित वर्ग के अभियंताओं को न बुलाए जाने का आरोप लग रहा था।पावर कारपोरेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी इस पर सवाल उठाए थे।ये मामला पिछड़ा वर्ग आयोग में भी पहुंचा था।आयोग ने मामले में पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और उर्जा विभाग के प्रमुख सचिव को तलब किया था। इसके बाद कारपोरेशन ने कॉल लेटर जारी कर दिए हैं।
बताते चलें कि 12 मार्च को पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी केन और कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष से मिला था। प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया था विभाग के दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंताओं के साथ अन्याय हो रहा है।निदेशकों के खाली पदों पर होने वाले साक्षात्कार में आरक्षित वर्ग के अभियंताओं को कॉल लेटर तक नहीं दिए गए हैं जबकि वे आवेदन की पात्रता पूरी करते हैं।आयोग के अध्यक्ष को ज्ञापन देकर प्रतिनिधिमंडल ने मामले में प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की।
इससे पहले एसोसिएशन ने अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का भी दरवाजा खटखटाया था।संगठन ने आयोग से इस संबंध में प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की थी। इस पर पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण और पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल को मंगलवार को आयोग में तलब किया था।
एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल में महासचिव अनिल कुमार, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद और ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा शामिल थे। संगठन ने आयोग के अध्यक्ष को इस मामले में हस्तक्षेप के लिए आभार जताया था और उम्मीद जताई थी कि दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंताओं के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। अब पावर कारपोरेशन ने नए सिरे से कॉल लेटर जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही पिछ़ड़े और दलित वर्ग के इंजीनियरों को इंटरव्यू में न बुलाए जाने का मामला सुलझ गया है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने भी ऊर्जा निगमों में निदेशक के पदों के साक्षात्कार में मनमानी का आरोप लगाया था।कहा था कि चहेते लोगों को निदेशक बनाने की तैयारी है। यही वजह है कि सभी अभियंताओं को साक्षात्कार के लिए कॉल लेटर नहीं भेजा गया है। निदेशक पद के लिए 54 अभ्यर्थियों को चुना गया है।इसमें सिर्फ 19 विभागीय अभियंता हैं। जबकि 35 बाहरी व्यक्ति हैं।संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा था कि ऊर्जा निगमों के निजीकरण की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए निजी कंपनी में कार्यरत बाहरी व्यक्तियों को निदेशक बनाए जाने के प्रयासों का विरोध किया जाएगा।
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