20 हजार घूस लेने वाली घूसखोर महिला दारोगा बर्खास्त,सात साल जेल में है बंद
20 हजार घूस लेने वाली घूसखोर महिला दारोगा बर्खास्त,सात साल जेल में है बंद

05 May 2025 |  39




मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में महिला दारोगा अमृता यादव को 20 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने और अदालत से सात साल की सजा मिलने के बाद नौ साल बाद बर्खास्त कर दिया गया। महिला दारोगा ने मुकदमे से दुष्कर्म की धारा हटाने के लिए में 20 हजार रुपये की घूस ली थी।हाल में महिला दारोगा की तैनाती बागपत में चल रही है।फिलहाल चौधरी चरण सिंह जेल में सजा काट रही है।कोतवाली की बुढ़ाना गेट चौकी पर प्रभारी रहते हुए घूस ली थी।

दहेज उत्पीड़न-दुष्कर्म का दर्ज कराया था मुकदमा

कोतवाली क्षेत्र के करमअली के रहने वाले अना मजहर ने 28 अप्रैल 2017 को पति समीर निवासी सीकरी रोड मोदीनगर, गाजियाबाद के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था।समीर ने मुकदमे में दुष्कर्म और कुकर्म की फर्जी नामजदगी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट से गिरफ्तारी स्टे ले लिया।इसके बाद भी दारोगा अमृता यादव गिरफ्तारी का दबाव बनाती रहीं। आठ जून 2017 को बुढ़ाना गेट चौकी पर अमृता ने मुकदमे से धारा 376 और 377 हटाने के लिए एक लाख रुपये मांगे।सौदाबाजी कर 20 हजार में धारा हटाना तय हो गया। समीर ने इस बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली।

20 हजार घूस लेती पकड़ी गई थी महिला दारोगा

इसके बाद एंटी करप्शन की टीम को सूचना दी गई। 13 जून को एंटी करप्शन ने अमृता यादव को 20 हजार रुपए की घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।पुलिस ने महिला दारोगा के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। उसके बाद सुनवाई में पुलिस की मजबूत पैरवी से महिला दारोगा को 5 सितंबर 2024 को सात साल की सजा और 75 हजार का जुर्माना लगाया गया।उसके बाद विभागीय जांच में डीआइजी कलानिधि नैथानी ने नियमावली-1991 के नियम-8 (2) (क) के अंतर्गत महिला दारोगा को पद से मुक्त करने के आदेश जारी किए।

भ्रष्टाचार के सभी मुकदमों की पैरवी के दिए आदेश

डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि महिला दारोगा अमृता यादव काे अदालत ने दोषमुक्त कर दिया था।इनका पुलिस में रहना विभाग की छवि को धूमिल करता है,इस प्रकार का निन्दात्मक आचरण करना इनकी स्वेच्छाचारिता, अनुशानहीनता एवं गम्भीर कदाचार को दर्शाता है, जो आम जनमानस के मन में प्रतिकूल प्रभाव डालता है।यदि इस प्रकार के आचरण वाले पुलिसकर्मी को विभाग में बनाए रखा जाता है तो इसका कुप्रभाव अन्य पुलिसकर्मियों पर भी पड़ेगा एवं पुलिस बल में नियुक्त अन्य पुलिसकर्मियों में भी इस प्रकार नैतिक अधमता की भावना प्रबल होगी। कलानिधि नैथानी ने कहा कि यदि कोई पुलिसकर्मी इस तरह के अति गंभीर अपराध में पकड़ा जाता है एवं न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध भी किया जाता है तो उसको सेवा से बर्खास्त भी किया जायेगा। बता दें कि कि डीआईजी कलानिधि नैथानी ने भ्रष्टचार निवारण सम्बन्धित शेष प्रकरण का शीघ्र निस्तारण और उनमें शीघ्र सजा कराने के निर्देश दिए।

More news