अमेठी।उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के जगदीशपुर ब्लॉक का पिछुती गांव ने नवाचार की एक अनूठी मिसाल पेश की है। प्रधान एकता मिश्र ने सरकारी योजनाओं में रचनात्मकता का जबरदस्त तड़का लगाते हुए गांव के सामुदायिक शौचालय को रेल कोच की शक्ल में बनवा दिया है।इसका नाम स्वच्छता एक्सप्रेस रखा गया है,ये अब न केवल ग्रामीणों की सुविधा का केंद्र है, बल्कि जिले के लिए एक बड़ा आकर्षण का केंद्र बन चुका है।
रेल कोच की शक्ल में शौचालय
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से गांवों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। मगर पिछुती गांव में बना यह शौचालय अपने स्वरूप से सबसे से अलग है। शौचालय की बाहरी बनावट हूबहू एक रेल कोच जैसी है। शौचालय को रेल की तरह ही रंग-रोगन किया गया है और इस पर आकर्षक नाम स्वच्छता एक्सप्रेस लिखा है।
शौचालय के अंदर रखा गया है सुविधाओं का पूरा ध्यान
इस शौचालय के अंदर सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है। इसमें महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग कक्ष बनाए गए हैं, जो स्वच्छता और निजता सुनिश्चित करते हैं। सभी कक्षों में हैंड वॉश यूनिट के साथ-साथ स्न्नान गृह (बाथरूम) की व्यवस्था भी की गई है। इस शौचालय को देखने के लिए ग्रामीण ही नहीं, बल्कि आसपास के गांव से भी तमाम लोग आ रहे हैं और यहां सेल्फी ले रहे हैं।लोग ग्राम प्रधान एकता मिश्रा की इस रचनात्मकता की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
एकता मिश्रा राज्यपाल से हो चुकीं हैं सम्मानित
पिछुती गांव की प्रधान एकता मिश्र का ये पहला सराहनीय कार्य नहीं है।एकता पहले भी अपने सामाजिक कार्यों और नवाचारी सोच के लिए चर्चा में रही हैं।बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान को एकता मिश्रा ने अपने गांव में एक जन-आंदोलन का रूप दिया, उनके प्रयासों से पिछुती गांव में बेटी पैदा होने पर उत्सव मनाया जाता है,बेटी के जन्म पर मां को उपहार देती हैं।इस पहल के लिए एकता मिश्रा को राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।
जानें एकता मिश्रा ने क्या कहा
प्रधान एकता मिश्र ने कहा कि उनके गांव को अन्य विकास पैरामीटर पर भी संतृप्त किया जा चुका है। एकता ने कहा कि हमारा निरंतर प्रयास है कि गांव का अधिक से अधिक विकास हो सके।जब गांव का नाम जिले और प्रदेश में होता है, तो इससे बढ़कर संतोष और क्या हो सकता है। एकता ने कहा कि स्वच्छता एक्सप्रेस जैसी पहल दर्शाती है कि सरकारी योजनाओं को रचनात्मकता के साथ क्रियान्वित करके उन्हें सफल और लोकप्रिय बनाया जा सकता है।यह न सिर्फ़ स्वच्छता मिशन को गति देगा, बल्कि लोगों को खुले में शौच न करने के लिए प्रेरित भी करेगा।