बिजनौर।उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में गुलदार ने आतंक मचा रखा है। 14 दिन के अंदर जिले के अलग-अलग जगहों पर गुलदार ने तीन बच्चों सहित एक महिला की जान ले ली है। जिले में लगभग 3 साल में गुलदार ने 36 लोगों को अपना निवाला बनाया है।अब तक 55 लोग गुलदार हमले में घायल हुए हैं।गुलदार के बढ़ते हमले से ग्रामीण सतर्क भी हैं और भयभीत भी हैं।शाम होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गुलदार के खौफ से घरों में कैद हो जाते हैं।
ये हैं सबसे ज्यादा प्रभावित
जिले के चांदपुर,नजीबाबाद,नेहटौर,कोतवाली देहात क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। 9 सितंबर को नजीबाबाद थाना क्षेत्र के कोटद्वार रोड पर ग्राम मथुरापुर मोर निवासी राहुल का 8 वर्षीय बेटा हर्षित घर के बाहर खड़ा हुआ था,तभी अचानक खेतों की तरफ से गुलदार आया और बच्चे को उठा ले गया। बच्चे के शोर मचाने पर ग्रामीण और परिजन मौके पर दौड़े। लोगों की आवाज सुनकर गुलदार बच्चे को गंभीर हालत में छोड़कर जंगल की ओर भाग गया।ग्रामीणों ने घायल हर्ष को नजीबाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समीपुर ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
14 दिन में तीन बच्चों पर गुलदार ने किया हमला
पिछले 14 दिन में हिंसक गुलदारों ने अलग-अलग जगहों पर तीन मासूम बच्चों को मौत के घाट उतार दिया। 1 सितंबर को मंडावली थाना क्षेत्र के गांव रामदास वाली में गुलदार ने डालचंद के 8 वर्षीय बेटे कनिष्क को घर के बाहर से उठाकर मौत के घाट उतार दिया।चार दिन बाद 6 अक्टूबर को नगीना देहात थाना क्षेत्र के गांव कंडरावाली में डेरे से कुछ दूरी पर दूध लेने जा रही प्रेम सिंह की 10 वर्षीय बेटी गुड़िया को गुलदार ने रास्ते से उठा लिया और सड़क किनारे झाड़ियां में ले जाकर मौत के घाट उतार दिया।इस घटना से जिले में कोहराम मचा हुआ था। 14 सितंबर को नजीबाबाद थाना क्षेत्र के गांव इस्सोपुर की महिला मीरा को गुलदार ने अपना निवाला बनाया था। इन घटनाओं के बाद अभी 3 दिन पहले नजीबाबाद क्षेत्र में एक गुलदार पिंजरे में कैद हुआ था।
तीन साल से गुलदार के हमले जारी
बिजनौर जिले में 3 साल से लगातार गुलदार के हमले जारी हैं। कई मौत हो जाने के बाद भी लगभग 3 साल में 100 से ज्यादा गुलदारो को वन विभाग ने अपने पिंजरे में कैद किया है।जबकि जिले में लगभग 500 से अधिक गुलदार अपना डेरा अलग-अलग स्थानों पर बना चुके हैं।गुलदार गन्ने के खेतों में बड़े आराम से छुप जाते हैं और जानवरों सहित इंसानों का शिकार करते हैं।वन विभाग द्वारा अगर जल्द ही कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया तो बिजनौर जिले में गुलदारो की संख्या सैकड़ों में न रहकर हजारों में होगी।गुलदार हमले को लेकर हाल फिलहाल में कई प्रदर्शन भी हुए,उसके बाद भी आज तक वन विभाग द्वारा इन्हें पकड़ने के लिए जो जरूरी कदम उठाने थे वो नहीं उठाए गए।
वन विभाग ने ग्रामीणों को बांटे मुखौटे
वन विभाग द्वारा ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए उन्हें मुखौटे भी बांटे गए। साथ ही समय-समय पर वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव में कई मुहिम भी चलाई गई,जिसमें गांव वालों से वन विभाग ने कहा कि खेत और जंगल में जाते समय एक साथ 6 से 7 ग्रामीण डंडा लेकर जाएं,लेकिन इसके बाद भी गुलदार का हमले जारी है। फिलहाल गुलदार की बढ़ती संख्या को लेकर ग्रामीणों को खुद ही जागरूक होना पड़ेगा।बढ़ती घटनाओं के बाद वन विभाग के आला अधिकारी अब मीडिया के कैमरे से बचते नजर आ रहे हैं,वो कुछ भी कैमरे के समाने बताने को तैयार नहीं है।