न्याय के लिए आईजी पिता से भिड़ गई वकील बेटी,कोर्ट में साबित की बेगुनाही,बर्खास्त हेड कांस्टेबल को फिर दिलाई वर्दी
न्याय के लिए आईजी पिता से भिड़ गई वकील बेटी,कोर्ट में साबित की बेगुनाही,बर्खास्त हेड कांस्टेबल को फिर दिलाई वर्दी

10 Aug 2025 |   51



 

 
बरेली।कभी-कभी इंसाफ की लड़ाई रिश्तों की सरहदों को भी पार कर जाती है।ऐसा ही एक मामला बरेली से सामने आया,जहां एक बेटी ने अपने वकील होने के फर्ज को रिश्तों से ऊपर रखा।एक हेड कांस्टेबल की बेगुनाही साबित करने और उसकी खोई हुई इज्जत लौटाने के लिए उसने कोर्ट में अपने ही पिता के फैसले को चुनौती दी।बेटी वकील बनी,पिता सरकारी पक्ष के प्रतिनिधि और आमने-सामने खड़े हो गए,एक इंसाफ की जंग में।रिश्ते वहीं रहे,लेकिन कर्तव्य ने राह अलग चुन ली और जीत न्याय की हुई।

दरअसल ये मामला बरेली के पूर्व आईजी डॉ. राकेश सिंह और उनकी वकील बेटी अनुरा सिंह से जुड़ा है,अनुरा सिंह ने यूपी पुलिस के एक हेड कांस्टेबल की बहाली के लिए अपने ही पिता के फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी और जीत हासिल की।बता दें कि हेड कांस्टेबल तौफीक अहमद पर ट्रेन में छात्रा से छेड़छाड़ का आरोप है।तत्कालीन आईजी जीआरपी डॉ. राकेश सिंह ने विभागीय जांच के बाद तौफीक को बर्खास्त कर दिया था,लेकिन आईजी डाॅ. राकेश सिंह की वकील बेटी अनुरा सिंह ने हाईकोर्ट में मुकदमा लड़कर तौफीक को दोबारा वर्दी पहनने का हक दिलाया।

ये मामला 13 जनवरी 2023 का है।पीलीभीत जिले की एक छात्रा प्रयागराज में पढ़ाई कर रही थी।छात्रा 15073 त्रिवेणी एक्सप्रेस से बरेली लौट रही थी,छात्रा कोच नंबर एस-7 में बैठी थी। दोपहर 2:11 बजे ट्रेन बरेली जंक्शन पहुंची,स्टेशन पर ज्यादातर यात्री उतर गए। आरोप था कि इसी दौरान हेड कांस्टेबल तौफीक अहमद कोच में चढ़ा और छात्रा को अकेला देखकर उसकी सीट पर बैठ गया।

छात्रा ने कहा कि ट्रेन चलने के बाद तौफीक ने उससे छेड़छाड़ शुरू कर दी।डरी-सहमी छात्रा ने तुरंत जीआरपी जंक्शन थाने में शिकायत दर्ज कराई,पुलिस ने आरोपी कांस्टेबल तौफीक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट समेत गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।मामले की विभागीय जांच में तौफीक अहमद को दोषी पाया गया,इसके बाद तत्कालीन आईजी जीआरपी डॉ. राकेश सिंह ने बिना देर किए उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया।इसके बाद तौफीक ने अपनी सेवा बहाली के लिए कानूनी रास्ता अपनाया। तौफीक को इस बात की जानकारी नहीं थी कि जिस वकील अनुरा सिंह से वह मदद मांग रहे हैं, वह उसी आईजी की बेटी हैं,जिन्होंने उन्हें बर्खास्त किया था।

अनुरा सिंह ने रिश्ते को दरकिनार कर न्याय को प्राथमिकता दी और हाईकोर्ट में पूरे दमखम से बहस की।अनुरा ने अदालत में तर्क दिया कि विभागीय जांच में गंभीर खामियां हैं और बर्खास्तगी का आदेश कानूनी रूप से सही नहीं है।हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बर्खास्तगी का आदेश रद्द कर दिया और तौफीक को दोबारा पुलिस सेवा में बहाल करने का आदेश दिया।

यह मामला बरेली में पुलिस महकमे और कानूनी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।एक ओर आईजी पिता ने सख्ती से कार्रवाई करते हुए कांस्टेबल को बाहर का रास्ता दिखाया तो वहीं दूसरी ओर उनकी बेटी ने कानूनी दांव-पेंच से उसी कांस्टेबल की नौकरी वापस दिला दी।लोग इसे वर्दी में वापसी का अनोखा किस्सा बता रहे हैं।अब सबकी नजरें आपराधिक केस के फैसले पर हैं, जो तौफीक अहमद के भविष्य का असली फैसला करेगा।

More news