बरेली से गाजियाबाद तक आखिर किसका खौफ,जाग रहे हैं रात भर ग्रामीण,कर रहे आसमान की पहरेदारी
बरेली से गाजियाबाद तक आखिर किसका खौफ,जाग रहे हैं रात भर ग्रामीण,कर रहे आसमान की पहरेदारी

10 Aug 2025 |   51



 

लखनऊ।पश्चिम उत्तर प्रदेश में आजकल खौफ है।बरेली से गाजियाबाद तक ग्रामीण रात भर जागकर पहरेदारी कर रहे हैं।ग्रामीणों की नजरें आसमान पर ही टिकी हैं।जरा सा भी सोर सुनते हैं तो सभी चौकन्ने हो जाते हैं। हाथों में लाठी-डंडा और साइकिल पर टार्च लगाकर गली-गली ग्रामीण टहलते हुए दिखते हैं।ये खौफ ड्रोन का है।ड्रोन से चोरी की अफवाह इस कदर फैली है कि ग्रामीणों ने हफ्ते पहले ही गांव के आसमान की पहरेदारी का काम दिया है।

पीलीभीत जिले की तहसील पूरनपुर में 45 वर्षीय भूरे सिंह को इन दिनों अपनी साइकिल पर टॉर्च बांधकर और हाथ में एक मोटी लाठी लेकर रात के समय पहरा देना पड़ता है।भूरे ने बताया कि लोग कहते हैं कि बदमाश चोरी-डकैती की साजिश रचने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।चाहे यह सच हो या झूठ,हम कोई जोखिम नहीं उठा सकते। 

बता दें कि यह हाल सिर्फ अकेले पीलीभीत का नहीं है,पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कम से कम 12 जिलों के 300 से अधिक गांवों में ड्रोन की अफवाहों से लोग खौफ में जीने को मजबूर हैं।
जुलाई के मध्य से यहां के ग्रामीण इलाकों का सन्नाटा अब पत्तों की सरसराहट या झींगुरों की भिनभिनाहट से नहीं, बल्कि अचानक ड्रोन चोर की चीखों से टूटता है।इस स्थिति को देखते हुए ही ग्रामीणों ने रात के समय पहरा देना शुरू कर दिया है। खौफ बढ़ा तो योगी सरकार का ध्यान भी इस ओर गया। पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कानून-व्यवस्था समीक्षा बैठक में इस मामले को उठाया गया।सीएम ने अफवाहें फैलाने वालों या बिना अनुमति के ड्रोन का इस्तेमाल करने वालों को कड़ी चेतावनी दी।

सीएम योगी ने कहा ड्रोन का इस्तेमाल करके डर पैदा करने वालों या गलत सूचना फैलाने वालों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।सीएम ने निर्देश दिया कि जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।ड्रोन के इस्तेमाल पर और प्रभावी अंकुश लगाने के लिए पुलिस को एक समर्पित ड्रोन रजिस्टर बनाए रखने का निर्देश दिया गया है।

मेरठ डीआईजी कलानिधि नैथानी ने अपने अधिकार क्षेत्र के सभी पुलिस थानों को ड्रोन मालिकों का नाम ड्रोन रजिस्टर में दर्ज करने और अंधेरा होने के बाद ड्रोन उड़ाने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।इसके बावजूद लोगों में खौफ बना हुआ है।पुलिस का कहना है कि इस उन्माद की जड़ें अमरोहा में हैं, जहां जून की शुरुआत में एक अजीबोगरीब अफवाह फैलनी शुरू हुई थी कि अंडरवियर पहने,शरीर पर तेल लपेटे चोरों का एक गिरोह घरों में घुसने से पहले निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है जो तेजी से फैल गई।

मुरादाबाद,रामपुर,संभल,मेरठ और बिजनौर जैसे पड़ोसी जिलों के ग्रामीणों ने भी इसी तरह के ड्रोन देखे जाने की सूचना देना शुरू कर दिया। कई वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए गए,जिनमें से कई में तो छेड़छाड़ की गई थी या सालों पुराने थे।हर टिमटिमाती रोशनी,हर नीचे उड़ती वस्तु दहशत का कारण बन गई।अफवाहों के दौर से शुरू हुई ये घटनाएं अब हिंसा में बदल रही हैं।गाजियाबाद के मोदीनगर में हापुड़ से अपनी प्रेमिका से मिलने आए एक व्यक्ति को इस महीने की शुरुआत में भीड़ ने ड्रोन ऑपरेटर समझकर पीट दिया जबकि उसके पास कोई ड्रोन नहीं था।

बरेली में एक सरकारी स्कूल की छत पर एक खिलौना ड्रोन देखे जाने से अफरा-तफरी मच गई। दिल्ली से घर लौटे चार भाइयों को स्थानीय लोगों ने ड्रोन चोरी करने वाले गिरोह का सदस्य समझकर पकड़ लिया और उनकी पिटाई कर दी। बाद में पुलिस ने पुष्टि की कि ड्रोन एक टूटा हुआ प्लास्टिक का खिलौना था जो कुछ फुट से ज्यादा नहीं उड़ सकता था। 

बुलंदशहर के औरंगाबाद में ग्रामीणों ने आसमान में चमकती रोशनी को ड्रोन समझ लिया,जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई। पास में ही नशे में धुत एक व्यक्ति को पकड़ लिया, उसके कपड़े उतार दिए और पिटाई तक की गई। उसका किसी ड्रोन से कोई संबंध नहीं था।पिछले तीन हफ्तों में इन जिलों की पुलिस हेल्पलाइन पर ड्रोन देखे जाने की सैकड़ों कॉल आई हैं। फिर भी वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि किसी भी चोरी का ड्रोन गतिविधि से निर्णायक रूप से कोई संबंध नहीं है।

डीआईजी नैथानी ने बताया कि एक महीने से अधिक समय से ड्रोन देखे जाने की खबरें आ रही हैं,लेकिन चोरी का एक भी मामला ड्रोन से जुड़ा साबित नहीं हुआ है।यह उन्माद पूरी तरह से अफवाहों और डर से प्रेरित है।मेरठ,अमरोहा और संभल जैसे जिलों में भय फैलाने या झूठी सूचना फैलाने के आरोप में 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है,कई इलाकों में पुलिस ने जागरुकता अभियान शुरू किए हैं।ड्रोन मालिकों को अपने उपकरण पंजीकृत कराने या जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है। झूठी सूचना देने वालों की शिकायत के लिए व्हॉट्सएप हेल्पलाइन जारी की गई हैं। 

अमरोहा में ड्रोन फुटेज बना रहे तीन यूट्यूबर को पुलिस की अनुमति के बिना इस उपकरण को इस्तेमाल करने के आरोप में हिरासत में लिया गया।सत्यापन के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया, लेकिन इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच संदेह को और गहरा कर दिया। मेरठ में दो कंटेंट क्रिएटर्स को कथित तौर पर ड्रोन से संबंधित झूठे वीडियो ऑनलाइन प्रसारित के आरोप में गिरफ्तार किया गया। प्रभावित जिलों में पुलिस प्रशासन ने इस मुद्दे पर जागरुकता फैलाने के लिए स्थानीय लोगों से संपर्क किया है और ग्रामीणों से कहा है कि अगर उन्हें कोई ड्रोन दिखाई दे तो वे सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी प्रसारित करने के बजाय पुलिस से संपर्क करें।

 रामपुर पुलिस अधीक्षक विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि हमने गांव स्तर पर एक निश्चित क्षेत्र के प्रभावशाली और मौजिज लोगों के साथ बैठकें की हैं और अफवाहों पर अंकुश लगाने के लिए उनका समर्थन मांगा है।एसपी ने कहा कि ड्रोन देखे जाने की सूचनाएं अधिकांश अफवाह हैं और इनका किसी गिरोह से कोई संबंध नहीं है।

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