ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ।ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के खिलाफ बिजली अभियंताओं और कार्मिकों ने मोर्चा खोल दिया है।ऊर्जा मंत्री पर अभियंताओं का विश्वास खोने का आरोप लगाया। अभियंताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वो खुद विभाग संभालें।निजीकरण का प्रस्ताव रद्द करें, ताकि दोगुने उत्साह से कार्मिक बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुधारें।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की कोर कमेटी की फील्ड हॉस्टल में रविवार को बैठक हुई।बैठक में निजीकरण के विरोध में अब तक चले आंदोलन की समीक्षा की गई।तय किया गया कि निजीकरण का विरोध चलता रहेगा।प्रस्ताव पारित करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की गई कि ऊर्जा विभाग खुद के पास रखें।निजीकरण प्रस्ताव रद्द करें, जिससे बिजली कर्मी दोगुनी गति से उपभोक्ता सेवाओं को बेहतर बनाएं।बिजली कर्मियों का उन पर पूरा विश्वास है।
समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि देश में सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति का रिकॉर्ड बनाने वाले प्रदेश के ऊर्जा निगमों को बेवजह बदनाम किया जा रहा है।ऊर्जा विभाग में शीर्ष पदों पर बैठे लोग सांविधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए वितरण निगमों को असफल बता रहे हैं। इसके पीछे मूल कारण निजीकरण है।ऐसे लोगों को खुद त्यागपत्र दे देना चाहिए।
समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि संघर्ष समिति के साथ लिखित समझौता कर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा मुकर चुके हैं।वह बिजली कर्मियों का विश्वास पहले ही खो चुके हैं। अब ऊर्जा मंत्री और पाॅवर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष के बीच घमासान है। उन दोनों की लड़ाई में आम जनता पिस रही है। जनता को बचाने के लिए मुख्यमंत्री आगे आएं।