ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ।सूबे की राजधानी लखनऊ में 5 जुलाई की सुबह तीन मासूम बच्चों की दुनिया एक झटके में उजड़ गई।बख्शी का तालाब क्षेत्र के गड़ेरियन पुरवा भरवारा गांव की 15 वर्षीय अराध्या,9 वर्षीय साक्षी और 2 वर्षीय शैलेन्द्र ने एक सड़क दुर्घटना में अपने माता-पिता को खो दिया।हंसती-खेलती हुई जिंदगी पल भर में मौन हो गई।कोई सहारा नहीं,कोई आसरा नहीं बस तीन मासूम चेहरे और अनगिनत सवाल।
इन बच्चों को सहारा मिलने की उम्मीद तब जागी,जब बीकेटी से भाजपा विधायक योगेश शुक्ला ने बच्चों की पीड़ा को अपनी आवाज बनाया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए एक भावनात्मक निवेदन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मार्मिक विषय पर गंभीर संवेदनशीलता दिखाते हुए तुरंत निर्णय लिया। सीएम ने न केवल राहत कोष से सहायता सुनिश्चित की,बल्कि यह स्पष्ट किया कि सरकार इन बच्चों की जिम्मेदार अभिभावक की भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन की शक्ति को एकजुट करते हुए इन बच्चों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन देने का निर्देश दिया है। सीएम ने बच्चों के स्थायी आवास की व्यवस्था करने को कहा है,जो न केवल उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि आत्मसम्मान का भी भाव देगा।सीएम ने बाल सेवा योजना के अंतर्गत तीनों बच्चों को ₹4,000 प्रति माह के हिसाब से कुल 12,000 मासिक सहायता देने को कहा है,जिससे उनका पोषण और दैनिक जरूरतें पूरी हो सकें। इतना ही नहीं दुर्घटना में मृत अभिभावकों के नाम पर 5,00,000 रुपए की बीमा सहायता स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता कोष से बच्चों की शिक्षा, इलाज और अन्य आवश्यकताओं हेतु नियमित वित्तीय मदद दी जाएगी, ताकि उन्हें किसी भी मोड पर समाज से कमतर महसस न हो।
विधायक योगेश शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने शासन की शक्ति का समन्वय करते हुए इन बच्चों के लिए एक सुरक्षित और गरिमामय जीवन के लिए बच्चों को स्थायी छत देने को कहा है,जो उन्हें न केवल सुरक्षा देगी,बल्कि आत्मसम्मान का भी अहसास कराएगी।
विधायक योगेश शुक्ला ने कहा कि इन बच्चों का जीवन अब अकेला नहीं रहेगा।मुख्यमंत्री योगी ने जिस संवेदना से इस मामले को अपनाया,वह एक सच्चे जननायक की पहचान है। योगेश शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संवेदनशीलता और तीव्र निर्णय क्षमता ने तीन मासूमों को केवल सहायता नहीं दी, बल्कि एक नया भविष्य और आशा का क्षितिज भी सौंपा।