आजम खान जेल से हुए रिहा,क्या होगा नया सियासी ठौर,नए समीकरण को मिली हवा,इस लिए अखिलेश संग रिश्तों में आई तल्खी
आजम खान जेल से हुए रिहा,क्या होगा नया सियासी ठौर,नए समीकरण को मिली हवा,इस लिए अखिलेश संग रिश्तों में आई तल्खी

23 Sep 2025 |   108



 

लखनऊ।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान आज सीतापुर जेल से रिहा हो गए।आजम की रिहाई के बाद उनके नए सियासी ठिकाने को लेकर कयास लगना शुरू हो गया है।इसे आजम की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा की बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती से मुलाकात की चर्चाओं से बल मिला है।बरहाल सपा और बसपा के नेता इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।अब सभी की निगाहें आजम की रिहाई के बाद उनके अगले कदम पर है।बता दें कि मोहम्मद आजम खान लगभग 23 महीने से सीतापुर जेल में बंद थे।आजम पर विभिन्न मामलों में 96 केस दर्ज हैं। 18 सितंबर को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद से आजम की आज मंगलवार को रिहाई हो गई।

आजम की रिहाई के साथ नए सियासी ठौर की चर्चा 

मोहम्मद आजम खान की रिहाई के साथ नए सियासी ठौर की चर्चाएं भी शुरू हो गईं हैं।ये चर्चा अनायास नहीं है।चर्चा है कि मायावती और तजीन फात्मा की पिछले दिनों दिल्ली में मुलाकात हुई थी।वार्ता में आजम मेन थे। मायावती और तजीन फात्मा की मुलाकात की चर्चाएं सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक हो रही है।लोग इस सियासी मुलाकात को आजम और और उनकी पत्नी तजीन फात्मा के पिछले बयानों से जोड़कर देख रहे हैं,जो बताते हैं कि दोनों का मिलना इत्तेफाक नहीं है। 

तजीन फात्मा पिछले कई माह से दिल्ली नहीं गई

इससे पहले आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सीतापुर जेल में आजम खान से मुलाकात कर दलित-मुस्लिम गठजोड़ की सियासत को हवा दी थी।फिलहाल आजम का अगला कदम उनके स्वास्थ्य और परिवार की सियासी रणनीति पर निर्भर करेगा।वैसे आजम के नजदीकी यह दावा भी करते हैं कि तजीन फात्मा पिछले कई माह से दिल्ली नहीं गई हैं,जिससे से उनकी मायावती से मुलाकात की बात में कोई दम नहीं है।
 
टिकट बंटवारे को लेकर अखिलेश,आजम के रिश्तों में आई थी तल्खी

लोकसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव और आजम खान के रिश्तों में तल्खी आ गई थी।खुद के चुनाव न लड़ने की स्थिति में आजम ने अखिलेश को रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का सुझाव दिया था। साथ ही मुरादाबाद सीट से बिजनौर की पूर्व विधायक रुचिवीरा को प्रत्याशी बनाने की सिफारिश की थी। 

रामपुर से चुनाव लड़ने के प्रस्ताव अखिलेश ने दिया था ठुकरा

अखिलेश यादव ने रामपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।इसके बाद आजम के हवाले से रामपुर के सपा नेताओं ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया था।इस खींचतान के बीच अखिलेश ने आजम की पसंद को दरकिनार कर मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी को रामपुर से उम्मीदवार घोषित कर दिया था।

 हंस कर टाल गए अखिलेश यादव 

आजम खान का बसपा में शामिल होने की चर्चा राजधानी लखनऊ से लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक घूम रही है। इस मामले में मीडिया ने जब अखिलेश यादव से सवाल किया तो वह हंस कर टाल गए।

कहीं नहीं जाएंगे आजम

सपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि आजम खान के लिए सपा ही सबसे मुफीद है।उनके लिए दूसरे दलों में अपने अंदाज में काम कर पाना मुश्किल होगा,इसलिए कहीं नहीं जाएंगे, सपा में ही रहेंगे।

क्या बोले डाॅ.एसटी हसन 

इस बारे में पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन का कहना है कि आजम खान सपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं,उनके किसी भी पार्टी में जाने की चर्चाएं पूरी तरह से निराधार हैं,उनके किसी भी पारिवारिक सदस्य की किसी भी नेता से मुलाकात की तस्वीर नहीं आई है। आजम सपा में हैं और सपा में ही रहेंगे।
 
आजम के खिलाफ लगभग सौ केस दर्ज 

सीतापुर की जेल में आजम खान 23 महीने बंद रहे।इस दौरान आजम कभी भी रामपुर की कोर्ट में नहीं पहुंचे।आजम पर लगभग सौ केस दर्ज थे,जिसमें से 12 में फैसला सुनाया जा चुका है।इनमें पांच में सजा और सात में बरी कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय में 59 मामले सेशन कोर्ट, जबकि 19 मामले मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहे हैं।भाजपा सरकार में आजम पर कई मामले दर्ज हुए थे।दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सजा मिलने के बाद आजम 18 अक्तूबर 2023 को जेल गए थे,उनके साथ उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम भी जेल गए थे।

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