ज्ञानवापी,अयोध्या और संभल हिंसा तक,मौलाना शहाबुद्दीन के बयानों से कई बार बिगड़ा माहौल,पहली बार हुई बड़ी कार्रवाई
ज्ञानवापी,अयोध्या और संभल हिंसा तक,मौलाना शहाबुद्दीन के बयानों से कई बार बिगड़ा माहौल,पहली बार हुई बड़ी कार्रवाई

29 Sep 2025 |   102



 

बरेली।इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी के विवादित बयानों से पहले भी कई बार बरेली शहर का माहौल बिगड़ चुका है।मौलाना पर पहली बार बड़ी कार्रवाई हुई है।मौलाना ने ज्ञानवापी,अयोध्या,मथुरा और संभल हिंसा तक विवादित बयान देकर लोगों को भड़काने की कोशिश की।

ज्ञानवापी मामले में जेल भरो का ऐलान करके मौलाना शहाबुद्दीन ने नौ फरवरी 2024 को बवाल करा दिया था।उस दौरान शहर में कई स्थानों पर पथराव और हिंसक झड़पें हुई थीं।अक्तूबर 2024 में मौलाना ने आईएमसी के स्थापना दिवस पर देश को जाम करने की धमकी दी थी। 

ताजा बवाल के बाद मौलाना शहाबुद्दीन के पुराने बयान फिर वायरल हो रहे हैं।मौलाना के खिलाफ मामले तो वर्ष 1982 से दर्ज होने लगे थे,लेकिन पहली बार वर्ष 2010 में हुए दंगों के आरोप में आठ मार्च को मौलाना को जेल भेजा गया था। तब दो दिन बाद ही मौलाना को जमानत मिल गई थी। 

2010 के दंगे की चार्जशीट में पुलिस ने मौलाना शहाबुद्दीन का नाम तक शामिल नहीं किया।हर बार भीड़ जुटाने के लिए शुक्रवार का दिन चुनना और इससे एक-दो दिन पहले वीडियो बयान वायरल करना मौलाना शहाबुद्दीन की आदत है।सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर भी मौलाना शहाबुद्दीन ने विवादित बयान दिया था।गिरफ्तारी देने का ऐलान कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी। 

16 जुलाई 2024 को मौलाना शहाबुद्दीन ने सामूहिक धर्म परिवर्तन और निकाह कार्यक्रम का आयोजन करने का बयान देकर बरेली शहर के माहौल को गरमा दिया था।मुसलमानों पर अत्याचार की बात कह कर 15 जून 2025 को भी मौलाना ने गिरफ्तारी देने का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस ने घर में ही नजरबंद कर दिया था।
 

पिछले साल संभल हिंसा में जान गंवाने वाले मुसलमानों को शहीद बताकर मौलाना शहाबुद्दीन ने बरेली का माहौल गरमाने का प्रयास किया था। 29 नवंबर को संभल जाने का ऐलान किया था।अधिकारियों के समझाने के बावजूद चोरी-छिपे 29 नवंबर को मौलाना ने समर्थकों के साथ संभल के लिए कूच कर दिया था।सीबीगंज में पुलिस ने मौलाना को हिरासत में ले लिया था।मौलाना ने आरोप लगाया था कि संभल में अफसर हिंदू आतंकवादी संगठनों को साथ लेकर गए थे।
 
मौलाना शहाबुद्दीन ने 25 सितंबर 2024 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए कार्यक्रम में कहा था कि हम 20 करोड़ हैं या 30 करोड़ हैं, यह तो वह नहीं जानते,मगर जिस दिन एक फीसदी भी घरों से निकल आए और दिल्ली कूच कर ऐलान कर दें कि जब तक नरेंद्र मोदी इस्तीफा नहीं देते, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा तो सरकार को झुकना पड़ेगा।

मौलाना शहाबुद्दीन ने 11 नवंबर 2024 को बयान दिया कि हमारे नौजवान बुझदिल नहीं हैं,हमने उनको कंट्रोल कर रखा है,जिस दिन हमारे नौजवान आउट ऑफ कंट्रोल हो गए तो तुम्हारे बस की बात नहीं उन्हें रोक पाना,जिस दिन हम लोग सड़कों पर उतर आएंगे तो तुम्हारी रूह कांप जाएगी।

मौलाना शहाबुद्दीन के आह्वान पर बीते शुक्रवार को आई लव मोहम्मद के समर्थन में भीड़ जुटी थी।इस दौरान उपद्रवियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प में 22 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। बवाल मामले में पांच थानों में दस मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें 125 लोग नामजद हैं। लगभग तीन हजार अज्ञात आरोपी हैं। 

बवाल मामले में पुलिस अब तक मौलाना शहाबुद्दीन समेत 34  उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।मौलाना शहाबुद्दीन को शनिवार सुबह फर्रुखाबाद की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेजा गया है। पुलिस अब अज्ञात उपद्रवियों को चिह्नित कर रही है।इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश भी दे रही है। 

बरेली बवाल के मामले में पुलिस ने रविवार को आईएमसी नेता नदीम सहित 22 और लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से 16 लोगों पर बवाल करने और छह पर मौलाना शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद लोगों को भड़काने का आरोप है।उधर बरेली विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन दल ने मौलाना के करीबी आरिफ के एक होटल और दो बरातघर को सील कर दिया है। 

बता दें कि बरेली विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन दल ने रविवार को पीलीभीत बाईपास रोड स्थित फहम लाॅन,फ्लोरा गार्डन बरातघर और होटल स्काई लार्क को सील कर दिया है।दोनों बरातघर मोहम्मद आरिफ के नाम हैं,जबकि होटल उनकी पत्नी आसिफा जमाल के नाम पर है।मोहम्मद आरिफ का जलसा ग्रीन बरातघर पहले से ही सील है।चारों स्थानों पर मानचित्र की शर्तों के विपरीत अतिरिक्त निर्माण कराया गया है।

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