महोबा।वीरों की धरती बुंदेलखंड के महोबा में इस बार नवरात्रि पर एक अनोखा नजारा दिखा।मां चंद्रिका उत्सव समिति द्वारा आयोजित गरबा कार्यक्रम में लगभग 500 महिलाओं और किशोरियों ने पारंपरिक गरबा नृत्य किया,मगर इस बार उनके हाथों में डांडिया की जगह तलवारें थीं।इस आयोजन का मकसद मिशन शक्ति 5.0 के प्रति जागरूकता बढ़ाना और नारी शक्ति का प्रदर्शन करना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन अपर पुलिस अधीक्षक वंदना सिंह ने दीप जलाकर किया।रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने ढोल-नगाड़ों की ताल पर तलवारें लहराते हुए शक्ति और शौर्य का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।
आयोजन समिति की राखी रावत ने बताया कि इस अनोखे गरबा नृत्य का उद्देश्य समाज को यह संदेश देना है कि महिलाएं केवल पूजा तक सीमित नहीं हैं,बल्कि अपनी सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करने में भी सक्षम हैं।कार्यक्रम में शामिल निष्ठा ने कहा कि वे रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरणा लेकर यह संदेश दे रही हैं कि जरूरत पड़ने पर वे भी अपनी आत्मरक्षा के लिए तलवार उठाने से नहीं हिचकेंगी।
महोबा अपर पुलिस अधीक्षक वंदना सिंह ने इस कार्यक्रम की सराहना की। वंदना सिंह ने कहा कि महोबा वीरभूमि है और यहां की महिलाएं हमेशा से वीरता का प्रतीक रही हैं। कहा कि यह आयोजन मिशन शक्ति अभियान के तहत सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का संदेश देता है।इस अनोखे गरबा नृत्य ने यह साबित कर दिया कि महिलाएं अपनी संस्कृति की संरक्षक होने के साथ-साथ अपनी सुरक्षा की भी प्रहरी हैं।