8 साल में 60 एनकाउंटर करने वाले आईपीएस दीपक भूकर, एसडीएम की नौकरी छोड़ पहनी खाकी वर्दी,उमेश पाल के 2 हत्यारों को किया ढेर 
8 साल में 60 एनकाउंटर करने वाले आईपीएस दीपक भूकर, एसडीएम की नौकरी छोड़ पहनी खाकी वर्दी,उमेश पाल के 2 हत्यारों को किया ढेर 

24 Sep 2025 |   219



8 साल में 60 एनकाउंटर करने वाले आईपीएस दीपक भूकर, एसडीएम की नौकरी छोड़ पहनी खाकी वर्दी,उमेश पाल के 2 हत्यारों को किया ढेर 

आईपीएस बनने से पहले दीपक भूकर क्या थे,उनका बचपन कैसे बीता,कैसे खाकी वर्दी तक का सफर तय किया आइए जानें:धनंजय सिंह 

लखनऊ। 2016 बैच के आईपीएस सिंघम दीपक भूकर प्रतापगढ़ जिले के एसपी हैं।इससे पहले प्रयागराज में डीसीपी, हापुड़ के एसपी,उन्नाव के एसपी और कानपुर नगर में एसपी साउथ रह चुके हैं।मुरादाबाद में भी तैनात रहे हैं।प्रयागराज में तैनाती के दौरान सिंघम दीपक भूकर का कुख्यात माफिया अतीक अहमद पर की गई कार्रवाई सबसे अधिक चर्चित रही।एक के बाद एक माफिया अतीक की बेनामी संपत्ति जब्त करवाई।उमेश पाल हत्याकांड के दो शूटरों को ढेर कर दिया।

हरियाणा में झज्जर जिला है।जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर गौरिया गांव पड़ता है। 1986 में गौरिया गांव में आज जैसी सुविधाएं नहीं थीं।गौरिया गांव को कम लोग ही जानते थे।दीपक भूकर का गौरिया गांव में जन्म 28 जुलाई,1986 में हुआ है।इनके पिता नरेंद्र पाल सिंह फौज में थे।फौज से रिटायर होने के बाद इंटर कॉलेज में प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाली।दीपक भूकर की मां आशा देवी हाउस वाइफ थीं।

दीपक भूकर की शुरुआती पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से हुई।जब लोग दीपक भूकर से पूछते कि बड़े होकर क्या बनना है,तो बोल पड़ते थे डॉक्टर बनना है। दीपक भूकर ने गांव के सर्वोदय सीनियर सेकेंड्री स्कूल से 2002 में फर्स्ट डिवीजन के साथ हाईस्कूल पास किया।जब रिजल्ट आया तो दीपक भूकर के माता-पिता और सभी लोग बहुत खुश हुए।

इसके बाद दीपक भूकर गांव से कुछ दूर स्थित खानपुर खुर्द के एक इंटर कॉलेज से पढ़ाई की। 2004 में दीपक भूकर इंटर पास किया।दीपक भूकर बचपन से ही डॉक्टर बनने की बात सभी से कहते थे,इनके पिता भी वही जानते थे। दीपक भूकर के पिता ने इनसे कहा,अगर डॉक्टर बनना है,तो पढ़ने के लिए बाहर जाना होगा।आगे की पढ़ाई के लिए दीपक भूकर को दिल्ली भेज दिया गया।

दीपक भूकर का दिल्ली के हंसराज कॉलेज में BSC (बॉटनी) में एडमिशन हुआ।दिल्ली में बड़े-बड़े अफसरों की गाड़ियां को देखना,अपने साथियों के बीच में चर्चा सुनना,बस यहीं से दीपक भूकर के मन में अधिकारी बनने की बात घर कर गई। कॉलेज से भी कई अफसर निकले।प्रशांत कुमार भी वहीं से पढ़े हैं,जो आज यूपी के डीजीपी हैं।

यह संयोग है कि जिस जुबली हॉस्टल से पढ़कर डीजीपी प्रशांत कुमार निकले थे,उसी हॉस्टल में रहकर दीपक भूकर भी अपनी पढ़ाई पूरी की।दिल्ली यूनिवर्सिटी से दीपक भूकर ने MSC की पढ़ाई की।इसी बीच दीपक भूकर ने SSC की तैयारी करनी शुरू कर दी थी। 2011 में दीपक भूकर ने पहली बार SSC का एग्जाम दिया,इसमें वो पास हो गए।इसके बाद दीपक भूकर सेंट्रल एक्साइज में इंस्पेक्टर बन गए।

दीपक भूकर सेंट्रल एक्साइज इंस्पेक्टर बनने बाद बहुत खुश थे।तैनाती चंडीगढ़ में थी,इसके बाद दिल्ली में रहे।इस सफलता के बाद दीपक भूकर का आत्मविश्वास बढ़ा। दीपक भूकर ने अगला टारगेट UPSC सेट किया।

तीन साल तक दीपक भूकर एक्साइज इंस्पेक्टर रहे।लगातार प्रयास से UPSC में दीपक भूकर को सफलता मिली,लेकिन SDM बने।पहले दिल्ली के पंजाबी बाग में सब जिला मजिस्ट्रेट के तौर पर नौकरी की। इसके बाद 8 महीने तक लक्षद्वीप में रहे।इन सबके बीच दीपक भूकर ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। दीपक भूकर को पांचवें प्रयास में UPSC में सफलता मिली। 2016 बैच और यूपी कैडर मिला।आईपीएस अधिकारी बनने के बाद जब दीपक भूकर अपने गांव गौरिया पहुंचे तो गांव वालों की खुशी देखकर दीपक भूकर की आंखों में आंसू आ गए।

ट्रेनिंग के बाद 2018 में दीपक भूकर की पोस्टिंग बतौर ASP मुरादाबाद में हुई। मुरादाबाद में हाजी कुरैशी के स्लाटर हाउस में अवैध तरह से भैंस का कटान किया जाता था। इसे लेकर नगर निगम ने भी कई बार पुलिस को सूचना दी थी।
दीपक भूकर ने इस मामले को गंभीरता से लिया। खुद पुलिस टीम के साथ छापेमारी की।सामने आया कि अवैध रूप से भैंसों का कटान किया जा रहा है। पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गैंग के 75 लाेगाें को गिरफ्तार किया।मौके से 10 लाख रुपए बरामद किए गए।

पूछताछ में पता चला कि अवैध तरह से पशुओं को कटान के लिए मुरादाबाद और आसपास के जिलों से पशुओं को खरीदा-बेचा जाता था।स्लॉटर हाउस पर कार्रवाई में यहां भारी संख्या में पशुओं को मुक्त कराया गया। गैंग के मुख्य लोगों पर पुलिस ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर चार्जशीट फाइल की। इस कार्रवाई का असर यह हुआ कि दूसरे जिलों से आने वाले पशुओं पर रोक लगी।

उन दिनों मुरादाबाद में कॉलेजों के बाहर छेड़छाड़ की घटनाओं की सूचना मिल रही थी।इसके लिए दीपक भूकर ने खुद सादे कपड़े पहने। लोगों के बीच में आम आदमी की तरह जाने लगे। दीपक भूकर ने एक्शन लेना शुरू किया तो लोगों से कनेक्टिविटी भी बढ़ी।नागफनी क्षेत्र की एक छात्रा ने पुलिस को बताया कि एक लड़का हर रोज बुलेट बाइक से आता है। मेरा पीछा करता है। करीब एक महीने से वो ऐसा कर रहा है।

छात्रा की बात सुनने के बाद दीपक भूकर उसे प्रॉमिस करते हुए कहा,आप बिल्कुल ना डरो,घर जैसे रोज आते-जाते हो। वैसे ही नॉर्मल आना-जाना। छात्रा ने ऐसा ही किया। वह जैसे ही कॉलेज से अपने घर जाने के लिए निकली। लड़का स्टाइल मारते हुए वहां पहुंच गया। उसका पीछा करने लगा। दीपक भूकर ने उसे मौके पर ही पकड़ा।उसकी पूरी रंगबाजी उतार दी।

अक्टूबर 2020 में दीपक भूकर कानपुर में एसपी साउथ थे। यहां लड़कों में सट्टेबाजी का शौक चढ़ा हुआ था।यहां कई जगहों पर सट्टा बाजार चल रहा था। पहले तो दीपक भूकर को छोटी सूचनाएं मिलती रहीं,लेकिन फिर पता चला कि सट्टेबाजी का यह व्यापार करोड़ों में है। दीपक भूकर ने मुखबिर सेट किया तो पता चला कि सोनू सरदार इंटरनेशल सट्टा माफिया है।वह दूसरे राज्यों में बैठकर करोड़ों रुपए का सट्‌टा क्रिकेट मैच, IPL में करता है। यह सट्‌टा माफिया सिर्फ वॉट्सऐप से ही गैंग ऑपरेट करता था, जिससे पुलिस लोकेशन ट्रेस न कर सके।

पता चला कि सोनू सरदार जयपुर के होटल में ठहरा है, पहले पुलिस को इसकी लोकेशन नहीं मिली। बाद में पुलिस ने मुखबिर और सर्विलांस का सहारा लिया।दीपक भूकर ने सीसीटीवी फुटेज जुटाई।इसके बाद सोनू सरदार को जयपुर से गिरफ्तार करके कानपुर लाए। दीपक भूकर ने इंटरनेशनल सट्‌टा माफिया को गिरफ्तार किया तो 2 करोड़ 15 लाख रुपए कैश बरामद हुआ।यह उस समय की किसी सट्‌टा माफिया से सबसे बड़ी बरामदगी थी।

पूछताछ में पता चला कि सोनू सरदार के तार दिल्ली,जयपुर और बड़े-बड़े शहरों से जुड़े हैं।दीपक भूकर ने इस गैंग की रीढ़ तोड़ते हुए 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इस पूरे गैंग से पुलिस ने 10 करोड़ रुपए कैश बरामद किया।अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए।साथ ही पर्याप्त सबूत जुटाए गए।सोनू सरदार ने सट्‌टे से अवैध तरह से करोड़ों रुपए की संपत्ति खरीदी थी।दीपक भूकर ने सोनू सरदार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की।

दीपक भूकर के नेतृत्व में कानपुर में ड्रग्स की तस्करी गैंग पर पुलिस ने बड़ा काम किया। छत्तीसगढ़ और दूसरे स्थानों से ऑन डिमांड ड्रग्स मंगाई जाती थी।इसे स्कूल-कॉलेजों के छात्रों को भी सप्लाई की जाती थी।दीपक भूकर ने इस गैंग के 45 तस्करों को अभियान चलाकर जेल भेजा था।

दीपक भूकर को कानपुर में एडिशनल DCP क्राइम की जिम्मेदारी मिली। दीपक भूकर ने 40 करोड़ रुपए की नकली दवाइयों का पर्दाफाश करते हुए पूरे गैंग को पकड़ा।यह गैंग लखनऊ,मेरठ,अलीगढ़,बागपत और यूपी के अलग-अलग जिलों में नकली दवाइयों को मार्केट में खपा रहे थे। दीपक भूकर ने इस गैंग की पूरी कमर तोड़ते हुए 20 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

दीपक भूकर ने एसपी हापुड़ रहते हुए कई बड़े गैंग की रीढ़ तोड़ी। दीपक भूकर ने एक लाख का इनामी मोइनुद्दीन को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया।इसके बाद दीपक भूकर को प्रयागराज में डीसीपी की जिम्मेदारी मिली।फरवरी 2023 में पुलिस कस्टडी में उमेश पाल की हत्या कर दी गई।यह हत्या कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई माफिया अशरफ ने करायी थी।पुलिस जांच में पता चला कि उमेश पाल को पहली गोली विजय चौधरी उर्फ उस्मान ने मारी थी। इसी शूटर की गोली से उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात गनर गिर पड़ा था।इसके बाद 50- 50 हजार रुपए के इनामी अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान भी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए। इनकी फायरिंग में 2 सिपाही भी घायल हुए थे। उमेश पाल हत्याकांड में यूपी पुलिस के 2 गनर भी शहीद हुए थे।

दीपक भूकर ने माफिया अतीक अहमद की प्रयागराज में बेनामी संपत्ति की जांच शुरू की। दीपक भूकर ने मुखबिर लगाए।पहले अतीक के नाम पर कोई भी बोलने की हिम्मत नहीं करता था,लेकिन जब दीपक भूकर ने कार्रवाई शुरू की तो जमीनों पर अवैध कब्जे और बेनामी संपत्ति का रिकॉर्ड मिलने लगा।एक महीने में जांच के बाद दीपक भूकर की जांच झोपड़ी में रहने वाले हुबलाल तक पहुंची।हुबलाल को तलाशा तो बहुत ही गरीब निकला,लेकिन इसके नाम पर 40 करोड़ रुपए की संपत्ति खरीदी गई थी।चौंकाने वाली बात यह थी कि हुबलाल को खुद भी नहीं पता था कि उसके नाम पर इतनी संपत्ति है,उसके नाम पर बहुत पैसा।दो वक्त की रोटी का गुजारा भी नहीं होता,कच्ची झोपड़ी में जिंदगी गुजार रहा था।

हुबलाल का कहना था कि बस कुछ लोग कागज लाए थे और मेरा अंगूठा लगवा लिया था,मुझसे कह रहे थे कि तुम्हारा पक्का घर मिल जाएगा।इसी तरह नैनी में श्याम जी के नाम पर 10 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली,यह भी अतीक की बैनामा कराई हुई थी। श्याम जी ने भी बताया कि मुझसे तो कागजों पर साइन करा लिए गए थे।

दीपक भूकर ने अतीक गैंग की 180 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कराई।इसमें 50 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति भी शामिल रही। 10 महीने में यह ऐसी कार्रवाई थी,जहां अतीक और इसके गैंग की इस अवैध संपत्ति को सरकारी घोषित कर दिया गया।

दीपक भूकर उन्नाव एसपी थे। सितंबर 2024 में सुल्तानपुर में हुई डकैती के बाद अन्य जिलों में भी अलर्ट था। पुलिस को सूचना मिली कि डकैती कांड में शामिल बदमाश उन्नाव और दूसरे जिलों में छिपे हुए हैं। 23 सितंबर तड़के पुलिस को सूचना मिली कि एक संदिग्ध अचलगंज थाना क्षेत्र में कलुआगढ़ा रोड पर जा रहा था।पुलिस ने जब इसे रोकने का प्रयास किया तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी।इसके बाद पुलिस टीम और दूसरे थानों से भी इस बदमाश की घेराबंदी कराई गई।यूपी एसटीएफ भी इसका पीछा कर रही थी। एसटीएफ से मुठभेड़ में बदमाश मारा गया। उसकी पहचान एक लाख रुपए के इनामी अनुज के रूप में हुई। पता चला कि अनुज सुल्तानपुर डकैती की घटना में शामिल रहा था। उसके अन्य साथियों को भी सुल्तानपुर पुलिस और एसटीएफ ने गिरफ्तार किया।

दीपक भूकर ने उन्नाव में 40 साल की महिला का हत्या का खुलासा किया। इसमें महिला के देवर को पुलिस ने गिरफ्तार किया।आसीवन थाना क्षेत्र में महिला की हत्या कर उसका शव जलाने का प्रयास हुआ। जहां पुलिस ने पहुंचकर महिला का शव कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम कराया।

महिला के नाबालिग बेटे ने ही पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस की टीम इस केस में लग गई। जांच में आया कि महिला के साथ देवर ने पहले भी रेप किया था,जिसमें पुलिस ने देवर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।इसी विवाद की वजह से 27 साल के युवक ने अपनी भाभी की हत्या कर उसका शव जलाने का प्रयास किया।पकड़े गए युवक ने पुलिस पर भी गोली चलाई,जिसे एनकांउटर में गोली मारकर गिरफ्तार किया गया।

दीपक भूकर के गौरिया गांव की पहचान इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी है।मनु भाकर ने गौरिया गांव से निकलकर ओलंपिक में पदक हासिल किया।गौरिया गांव में छोटे-छोटे बच्चे भी खेलते मिलेंगे,जहां बच्चों में अलग ही हुनर देखने को मिलता है।दीपक भूकर भी पढ़ाई के समय कॉलेज की हॉकी टीम की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।दीपक भूकर ने जिला स्तर और दूसरे स्थानों पर खेलों में पदक जीते हैं।

गौरिया गांव से निकलने वाले दीपक भूकर पहले आईपीएस हैं।इससे पहले गौरिया गांव से रामवीर सिंह आईएएस बन चुके हैं।दीपक भूकर कि 2019 में परिवार की मर्जी से IRS अधिकारी अदिति मोर के साथ शादी हुई।

8 साल की नौकरी में दीपक भूकर ने 60 से ज्यादा एनकाउंटर किया है।यूपी पुलिस में आईपीएस सिंघम दीपक भूकर की यही पहचान है।

जिन के किरदार से आती है महक,उनसे पत्थर पिघल जाते हैं

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