सीएम योगी का बड़ा फैसला:30 वर्ष बाद बढ़ेंगे पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के वित्तीय अधिकार,जानें अब कैसे होगा काम
सीएम योगी का बड़ा फैसला:30 वर्ष बाद बढ़ेंगे पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के वित्तीय अधिकार,जानें अब कैसे होगा काम

24 Oct 2025 |   45



ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग के विभागीय अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पांच गुना तक बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है।सीएम ने कहा कि बदलावों से विभागीय अधिकारियों को निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता प्राप्त होगी।उच्च स्तर पर अनुमोदन की आवश्यकता घटने से निविदा,अनुबंध गठन एवं कार्यारंभ की प्रक्रिया में गति आएगी।यह सुधार वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाने में सहायक होगा।

बता दें कि शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग की बैठक में यह तथ्य सामने आया कि विभाग के अधिकारियों के वित्तीय अधिकार साल 1995 में निर्धारित किए गए थे। इस बीच निर्माण कार्यों की लागत में पांच गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के अनुसार वर्ष 1995 की तुलना में वर्ष 2025 तक लगभग 5.52 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। 

सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में वित्तीय अधिकारों का पुनर्निर्धारण आवश्यक है,जिससे निर्णय प्रक्रिया में तेजी आए और परियोजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध रूप से किया जा सके। 

सीएम योगी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग राज्य की विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में एक प्रमुख विभाग है, इसलिए अभियंताओं की सेवा नियमावली को समयानुकूल, व्यावहारिक और पारदर्शी बनाना अत्यंत आवश्यक है। सीएम ने कहा कि योग्यता,अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति व्यवस्था से विभाग की कार्यकुशलता, तकनीकी गुणवत्ता और सेवा भावना को नई दिशा मिलेगी।

अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग ने सीएम योगी को सिविल,विद्युत एवं यांत्रिक कार्यों के लिए वित्तीय अधिकारों की वर्तमान व्यवस्था की जानकारी दी।विमर्श के उपरांत निर्णय लिया गया कि सिविल कार्यों के लिए अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों की सीमा अधिकतम पांच गुना तक व विद्युत एवं यांत्रिक कार्यों के लिए कम से कम दो गुना तक बढ़ाई जाएगी।

सीएम योगी के निर्णय के अनुसार मुख्य अभियंता को अब 2 करोड़ के स्थान पर 10 करोड़ तक के कार्यों की स्वीकृति का अधिकार होगा,अधीक्षण अभियंता को 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ तक के कार्यों की स्वीकृति का अधिकार दिया जाएगा,अधिशासी अभियंता के वित्तीय अधिकार 40 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ किए जाएंगे,सहायक अभियंता को भी सीमित दायरे में टेंडर स्वीकृति और छोटे कार्यों की अनुमति देने के अधिकार बढ़ाए जाएंगे।बता दें कि यह पुनर्निर्धारण तीन दशकों के बाद होने जा रहा है।

बैठक में उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) (उच्चतर) नियमावली, 1990 में संशोधन के माध्यम से विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग की सेवा संरचना, पदोन्नति व्यवस्था तथा वेतनमान के पुनर्गठन से जुड़े प्रस्तावों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

बैठक में बताया गया कि नियमावली में किया जा रहा यह संशोधन विभागीय अभियंताओं की सेवा संरचना को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से किया गया है। संशोधित नियमावली में विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद सम्मिलित किया गया है।

इसके साथ मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या में वृद्धि की गई है। नवसृजित पदों को नियमावली में समाहित करते हुए उनके पदोन्नति स्रोत, प्रक्रिया और वेतनमान को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जिससे सेवा संरचना अधिक पारदर्शी और संगठित हो सके।

बैठक में बताया गया कि मुख्य अभियंता (स्तर-एक) के पद पर पदोन्नति अब मुख्य अभियंता (स्तर-दो) से वरिष्ठता के आधार पर की जाएगी। इसी प्रकार मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों पर भी पदोन्नति की प्रक्रिया को नियमावली में स्पष्ट किया गया है। 

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप अधिशासी अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता (स्तर-एक) तक के पदों के वेतनमान और मैट्रिक्स पे लेवल भी निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ चयन समिति की संरचना को अद्यतन किया गया है, ताकि पदोन्नति और नियुक्ति की कार्यवाही अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की जा सके।

सीएम योगी के साथ बैठक में मुख्य सचिव एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव वित्त एवं आईआईडीसी दीपक कुमार, पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव अजय चौहान, विभागाध्यक्ष एके द्विवेदी और मुख्य अभियंता यूके सिंह भी मौजूद रहे।

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