ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के सतत प्रयासों का असर अब साफ दिखाई देने लगा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी पहल मिशन कर्मयोगी को आगे बढ़ाते हुए योगी सरकार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को डिजिटल प्रशक्षिण से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।
योगी सरकार के डिजिटल दक्षता और पारदर्शी प्रशासन के विजन को साकार करने में समाज कल्याण विभाग अग्रणी भूमिका निभा रहा है।विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल के माध्यम से अपनी कार्यकुशलता बढ़ाने में जुटे हैं।इसका सीधा लाभ जनता को पारदर्शी, त्वरित और प्रभावी सेवाओं के रूप में मिल रहा है।
समाज कल्याण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2025 तक कुल 3,900 अधिकारी,नियमित/संविदाकर्मी एवं शिक्षक पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं।इन कर्मचारियों ने अब तक 21,150 ऑनलाइन कोर्स पूरे किए,जिनमें लगभग 15,893 घंटे का प्रशिक्षण शामिल है।इनमें से 2,759 कर्मचारियों ने कम से कम एक कोर्स, जबकि 2,289 कर्मचारियों ने तीन या उससे अधिक कोर्स पूरे किए हैं। वहीं 1,611 कर्मचारियों ने तीन से कम और 1,141 कर्मचारियों ने अभी प्रशिक्षण पूरा नहीं किया है।योगी सरकार का यह अभियान हर सरकारी कर्मचारी को कुशल,पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
मिशन कर्मयोगी के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में न केवल प्रशासनिक सुधार बल्कि तकनीकी उन्नयन पर भी विशेष जोर दिया गया है।इनमें योगा ब्रेक एट वर्कप्लेस जैसे विषय तनावमुक्त कार्यसंस्कृति को बढ़ावा देते हैं,जबकि POSH Act 2013 से कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा को सशक्त किया जा रहा है। Procurement Process on GeM’,राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’, Basics of Artificial Intelligence और Right to Information Act जैसे कोर्स सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और जनता के प्रति जवाबदेही की भावना को सुदृढ़ कर रहे हैं।
मिशन कर्मयोगी के तहत डिजिटल प्रशिक्षण योगी सरकार के उस दृष्टिकोण का हिस्सा है,जिसमें शासन को पेपरलेस, पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाया जा रहा है।समाज कल्याण विभाग के इस अभियान से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में न केवल पारदर्शिता आई है बल्कि कर्मचारियों में कार्य के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता भी बढ़ी है।
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि मिशन कर्मयोगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साझा सोच का परिणाम है,जिसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। समाज कल्याण विभाग इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारे अधिकारी और कर्मचारी डिजिटल रूप से दक्ष बन रहे हैं, जिससे जनता को योजनाओं का लाभ तेजी और पारदर्शिता के साथ मिल सके। दक्षता से ही सेवा की गुणवत्ता बढ़ेगी और यही योगी सरकार के सुशासन का आधार है।